चम्पावत : गोरलचौड़ मैदान की भूमि होगी हस्तांतरित, स्टेडियम बनने का रास्ता साफ
चम्पावत। नगर के एकमात्र खेल मैदान गोरलचौड़ की भूमि खेल विभाग के नाम हस्तांतरित होगी। मैदान की भूमि सेना के पास होने से इसका विस्तारीकरण नहीं हो पा रहा था। अब स्टेडियम के आड़े आ रही सेना की जमीन उत्तराखंड सरकार को देने के लिए हरी झंडी मिल गई है। मामले में रक्षा संपदा भवन ने पत्र जारी किया है।
पत्र जारी होने के बाद चम्पावत के गोरलचौड़ मैदान को विस्तार देकर स्टेडियम बनाने की राह आसान हो गई है। गोरलचौड़ मैदान से लगी सेना की जमीन की अदला-बदली के प्रयास कामयाब हो गए हैं। सेना की 77 नाली 2 मुट्ठी जमीन अब प्रदेश सरकार को मिल गई है। गोरलचौड़ मैदान की भूमि के बदले सेना को रोजिन फैक्ट्री वाली जमीन दी गई है। चम्पावत में स्टेडियम की कवायद 2011 से शुरू हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था, लेकिन जमीन नहीं मिलने से ये घोषणा जमीनी रूप नहीं ले सकी।
जमीन नहीं मिलने के बाद भी गोरलचौड़ मैदान को विस्तार देकर स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव रखा गया। अब स्टेडियम बनने की राह आसान हो गई है। उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय ने बताया है कि सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के चलते यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि स्टेडियम निर्माण होने से खेल गतिविधियां अधिक हो सकेंगी। बताया कि गोल्ज्यू कॉरिडोर में आधुनिक स्टेडियम निर्माण किया जाना है।
गोल्ज्यू कॉरिडोर प्रोजेक्ट का बनना होगा आसान
गोल्ज्यू कॉरिडोर के तहत गोरलचौड़ मैदान में 400 मीटर ट्रैक के स्टेडियम के साथ ही बहुउद्देशीय सभागार, पार्किंग सुविधा, हॉकी फील्ड, बैडमिंटन आदि हॉल के साथ ही कैफेटेरिया एरिया का निर्माण किया जाना है। यह सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

