मंच में पर्यटन विभाग ने बनाए ईको हट, पर्यटक कर सकेंगे हिमालय दर्शन
चम्पावत। जिले के सीमांत में स्थित मंच कस्बे में जल्द ही पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। पर्यटक यहां पर्यटन विभाग की ओर से बनाए गए ईको हटों में ठहर कर हिमालय के दर्शन कर सकेंगे। पर्यटकों को हिमालय दर्शन के लिए लुभाने को पर्यटन विभाग की ओर से मंच कस्बे में ईको हटों का निर्माण करवाया गया है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग की ओर से 29.22 लाख रुपये की लागत से चार ईको हटों का कार्य पूरा कर लिया गया है। डीएम के निर्देश पर गठित तीसरे पक्ष के निरीक्षण के बाद नवनिर्मित ईकों हटों का हस्तांतरण पर्यटन विभाग को किया जाएगा। इसके बाद इन ईको हटों को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। जिला पर्यटन विकास अधिकारी लता बिष्ट ने बताया है कि जिले में पर्यटकों की आमद बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से नए स्थलों का विकास किया जा रहा है। लोहाघाट के एबटमांउट के अलावा सीमांत मंच क्षेत्र में पर्यटकों के ठहरने के लिए ईको हटों का निर्माण किया गया है। हस्तांतरण की औपचारिकताओं के बाद पर्यटन विभाग की ओर से ईको हटों का संचालन पीपीपी मोड में किया जाएगा।
मंच कस्बे से होते हैं हिमालय की पर्वत श्रंखलाओं के दर्शन
चम्पावत। जिले में सतयुग से अखंड धूनी जलने के लिए विश्व प्रसिद्ध गुरु गोरखनाथ धाम सीमांत मंच कस्बे में ही स्थित है। काफी ऊंचाई पर स्थित होने के कारण गुरु गोरखनाथ धाम और मंच कस्बे से हिमालय की बर्फ आच्छादित चोटियों के दर्शन होते हैं। गुरु गोरखनाथ धाम के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष कई श्रद्धालु और पर्यटक यहां पहुंचते हैं। अब ईको हटों के निर्माण के बाद क्षेत्र में पर्यटकों की आमद बढ़ने की उम्मीद है।
निर्माण कार्य के लिए दान में दी गई दो नाली भूमि
चम्पावत। सीमांत मंच कस्बे में पर्यटन विभाग की ओर से बनाए गए ईको हटों के निर्माण के लिए क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता शेर सिंह महर ने अपनी दो नाली भूमि दान में दी है। उनका कहना है कि ईको हटों के कारण क्षेत्र में पर्यटन संबंधी गतिविधियों में इजाफा होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।