ध्वस्त होगा पूर्णागिरि धाम का पर्यटक आवास गृह, ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को मिली शासन की हरी झंडी
चम्पावत जनपद के सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल मां पूर्णागिरि धाम में भैरव मंदिर के पास के टीआरएच (पर्यटक आवास गृह) के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को एक बार खाजिर करने के बाद शासन ने अब हरी झंडी दे दी है। इस साल अप्रैल में शासन ने प्रस्ताव को अनौचित्यपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया था। नए प्रस्ताव के बाद शासन ने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए मंजूरी दे दी है। अपर सचिव डॉ. पूजा गर्ब्याल ने शासन की ओर से आदेश जारी किया है। टीआरएच की इमारत के पुराने होने के अलावा पूर्णागिरि क्षेत्र में सरकारी जमीन की कमी के मद्देनजर इस जगह पर पार्किंग, स्वास्थ्य और आवासों निर्माण कराया जाएगा।
मां पूर्णागिरि धाम में भैरव मंदिर के पास टुन्नास में जनवरी 1987 में 30 लाख रुपये से 72 शैयाओं का पर्यटक आवास गृह बनाया गया था। कुमाऊं मंडल विकास निगम का यह आवास गृह काफी समय से 4.21 लाख रुपये वार्षिक किराये पर दिया गया था। भवन की खराब हालत होने से पर्यटन विभाग ने 2022 में इसे ध्वस्त करने का प्रस्ताव भेजा था। शासन ने इस साल 28 अप्रैल को ध्वस्त करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। धाम की जरूरत को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से इसके औचित्य को बताते हुए दोबारा प्रस्ताव भेजा गया था।, इसे अब शासन ने मंजूरी दे दी है।
पार्किंग, आवास गृह और अस्पताल का था प्रस्ताव
चम्पावत। पूर्णागिरि पर्यटक आवास गृह के जर्जर होने के अलावा पूर्णागरि क्षेत्र की 90 प्रतिशत से अधिक जमीन वन भूमि होने की वजह से इस प्रस्ताव को भेजा गया था। टीआरएच को ध्वस्त कर बहुमंजिला भवन बनाए जाने का प्रस्ताव है। निचले हिस्से में 250 कार की पार्किंग के अलावा ऊपरी मंजिल में आवास गृह और सबसे ऊपर अस्पताल प्रस्तावित किया गया था। इसके लिए 4.95 करोड़ रुपये की डीपीआर भी भेजी जा चुकी है। पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी का कहना है कि इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने से धाम में सुविधाओं का विस्तार होता।