नैनीताल दुष्कर्म आरोपी के बेटा का ट्रांसफर मामला, हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन पर उठाए सवाल, जानें क्या कहा…

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी के बेटे अपर सहायक अभियंता का ट्रांसफर निर्माण खंड खटीमा से अस्थायी खंड घनसाली में करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई हेतु 19 मई की तिथि नियत की है। इस याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला और पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि ट्रांसफर ऑर्डर में उत्तराखंड स्थानांतरण अधिनियम, 2017 की नियमावली का पालन नहीं किया गया है, जबकि नियमावली के अनुसार, प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण करने से पूर्व स्थानांतरित कर्मचारी के विरुद्ध विधिवत जांच होनी चाहिए। किस आधार पर उसका स्थानांतरण किया जा रहा है? स्थानांतरण आदेश में मनमाने ढंग से उल्लेख किया गया है कि याचिकाकर्ता ने अपने कार्यों में लापरवाही की है एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का अनुपालन नहीं कर राजकीय कार्य अपने मनमाने ढंग से किए हैं।
जबकि याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय के समक्ष गोपनीय आख्या प्रस्तुत की है. जिसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता की सेवाएं उत्कृष्ट हैं, लेकिन उनके पिता के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज होते ही वह अचानक लापरवाह कैसे हो गए? उन्हें कभी कोई कारण बताओ नोटिस भी नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता एवं उनके परिवार के विरुद्ध कुछ संगठनों के द्वारा फेसबुक पर प्रसारित घृणास्पद भाषण की पोस्ट भी न्यायालय को दिखाई गई। उन्हीं भाषणों के प्रभाव में उनका स्थानांतरण आदेश पारित किया गया। अब उन्हें ऑनलाइन प्रताड़ित किया गया।
न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस प्रकार के दंडात्मक स्थानांतरण विधि के विरुद्ध है। प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण से पूर्व इसकी जांच होनी चाहिए। दंडात्मक स्थानांतरण होने का कोई आदेश नहीं हो सकता। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि वे ऐसे ‘हेट स्पीच’ का न्यायिक संज्ञान ले सकते हैं। यह कैसे संभव हो सकता है कि उच्च न्यायालय का नाम इन ‘हेट स्पीच’ में दुरुपयोग हुआ और प्रशासन ने कुछ नहीं किया? सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद मुख्य स्थायी अधिवक्ता एवं महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्हें ‘हेट स्पीच’ की जानकारी नहीं है।
न्यायालय ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नैनीताल को निर्देश दिया है कि वे उन ऑनलाइन पोस्टों की जांच करें जिनमें ‘हेट स्पीच’ प्रसारित हुए एवं जिनमें हाईकोर्ट का भी उपयोग हुआ है। मामले पर अगली सुनवाई सोमवार 19 मई को होगी। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में हुई।
