राज्य आंदोलनकारी की धर्मपत्नी ने अपनी आंखें नेत्र बैंक को दान कीं, लोहाघाट डॉक्टरों की टीम ने सुरक्षित कॉर्निया निकाला

मैं तो अनंत ज्योति में विलीन हो गयी हूं, लेकिन मेरी आंखें जिंदा रहेंगी : हरिप्रिया

लोहाघाट/चम्पावत। राज्य आंदोलनकारी स्व. हीरा बल्लभ गहतोडी की धर्मपत्नी हरिप्रिया का 75 वर्ष की आयु निधन हो गया है। संसार से विदा होते समय वह अपनी दोनों आंखें उन लोगों के लिए दान कर गईं, जिनके लिए ईश्वर की सृष्टि कल्पना मात्र थी। हरिप्रिया जिले की ऐसी पहली हैं, जिनके निधन के बाद उनकी इच्छा अनुसार दोनों आँखें दान की गई हैं। उनकी कार्नियां (आंखें) उप जिला चिकित्सालय के नेत्र सर्जन विराज राठी ने
निकालीं। जिन्हें रुद्रपुर से विशेष रूप से आए महाराजा अग्रसेन ग्लोबल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित मित्तल नेत्रदान केंद्र को दिया गया। जिनके दो प्रतिनिधि डॉक्टर राठी की पहल पर यहां पहुंच गए थे।
हरिप्रिया अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गई हैं। जिनमें प्रमुख समाजसेवी एवं तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित रीता, अंजु ने माता पिता की सेवा के लिए विवाह नहीं किया, जबकि सबसे छोटी बेटी करुणा शिक्षिका हैं तथा उन्होंने भी बहनों की तरह अंतिम समय तक मां की सेवा में लगी की। आज भी तीनों बहनों ने सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ते हुए मां के शव को कंधा देकर चिता को मुखग्नि दी। तीनों बहनों ने पूर्व में अपने पिता का भी ऐसे ही अंतिम संस्कार व क्रियाकर्म किया था। साथ ही पिताश्री का श्राद्ध भी करती आ रही हैं।
हरिप्रिया की अंतिम शव यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही राज्य आंदोलनकारी नवीन मुरारी, भाजपा कार्यकर्ता सतीश चंद्र पांडे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सचिन जोशी, शिक्षक नेता गोविंद बोहरा समेत तमाम लोगों का रुख उनके आवास की ओर हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, पूर्व विधायक पूरन फर्त्याल, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महारा, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, सीएमओ डॉ. देवेश चौहान, ब्लॉक प्रमुख नेहा ढेक, विनीता फर्त्याल, सुमन लता, रेखा देवी, एनआरआई राज भट्ट आदि लोगों ने हरिप्रिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, दूसरों के लिए अपने नेत्र देने वाली महिला को हमारा शत-शत प्रणाम।
जाते-जाते दृष्टिहीन को रोशनी दे गई हरिप्रिया
लोहाघाट। नेत्रदान करने वाली जिले की पहली महिला हरिप्रिया के कारण दृष्टिहीनों के लिये संसार देखने के द्वार खुल गए हैं। नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. विराज राठी द्वारा अब नेत्रदान करने वाले किसी भी दानवीर के शरीर त्यागने के बाद उनकी इच्छानुसार उनका स्थानीय स्तर पर कॉर्निया (आँख) निकालकर उसे सुरक्षित रखना संभव हो गया है। जिसके लिए सीआर मित्तल नेत्रदान केंद्र द्वारा संसाधन उपलब्ध कराए हैं। जिससे दानदाता के अंतिम संस्कार में देर ना हो, जब तक रुद्रपुर से नेत्र बैंक की टीम यहां पहुंचेगी तब तक यहां कार्निया सुरक्षित रहेगा। डॉक्टर राठी की इस पहल का लोगों ने जोरदार स्वागत किया है।

