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निजी अस्पताल में डिलीवरी के बाद प्रसूता की मौत पर हुआ भारी बवाल, डेढ़ साल पहले हुई थी महिला की शादी…

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सितारगंज/उधमसिंह नगर। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के कारण अभी तक कई सारे लोगों की जानें जा चुकी हैं। अस्पतालों से ऐसे कई सारे मामले भी सामने आते रहते हैं जहां पर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीजों की मौत हो जाती है। ऐसी ही खबर उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज से आ रही है, जहां पर प्रसूता की डिलीवरी के बाद उसकी जिंदगी चली गई। महिला की मौत के बाद से उसके परिजनों मे कोहराम मचा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उधम सिंह नगर जिले के शक्तिफार्म के देवनगर गांव के निवासी रंजीत बाक्शी ने अपनी गर्भवती पत्नी 25 वर्षीय रेशमा को डिलीवरी के लिए बीते 15 अक्टूबर को सितारगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां पर रेशमा की जांच होने के बाद उस पर रक्त चढ़ाया गया। वहीं बीते गुरुवार को रेशमा की सीजर से डिलीवरी हुई तथा बीते शुक्रवार की रात करीब 8:00 बजे अचानक से रेशमा की मौत हो गई। जिससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल की खिड़की और दरवाजे तोड़ते हुए अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए तथा डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की। हालांकि पुलिस प्रशासन के समझाने के बाद लोग बड़ी मुश्किल से शांत हुए।

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बताया गया है कि रेशमा की शादी करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। डिलीवरी के बाद बेटा पैदा हुआ जिसके पैदा होने पर सभी लोग बेहद खुश थे, लेकिन रेशमा की मौत के बाद से उसके पति समेत अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। इस मामले पर सीओ बीएस धौनी ने बताया है कि डॉक्टर के पैनल मामले की जांच करेंगे। इसके साथ ही वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने बताया है कि रेशमा को रक्तचाप की शिकायत थी, लेकिन परिजनों की सहमति के बाद ही ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद रेशमा का ब्लड रक्तचाप अधिक बढ़ा जिसके कारण उसे दौरे आने लगे थे और उसकी कुछ समय बाद मौत हो गई।