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गेहूं की चौकीदारी कर रहे किसान को खींच ले गया बाघ, 500 मीटर दूर मिला शव

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नैनीताल जिले के रामनगर के बांसीटीला गांव में बुधवार देरशाम अपने मकान के पास गेहूं के खेत में चौकीदारी कर रहे किसान पर बाघ ने हमला कर मार डाला। ग्रामीणों ने छानबीन की तो शव खेत से 500 मीटर की दूरी पर मिला। क्षेत्र में बाघ के आतंक से ग्रामीणों में आक्रोश है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के ढेला रेंज के ईडीसी गांव लालूपुर बांसीटीला के रहने वाले 42 वर्षीय पप्पू तिवारी पुत्र हरीश तिवारी मकान के बाहर गेहूं के खेत में बुधवार देरशाम करीब सवा सात बजे चौकीदारी कर रहा था। बताया जा रहा है कि इस दौरान घात लगाए बाघ ने किसान पर झपट्टा मारा और जबड़े में दबोच कर ले गया। यह देख अन्य किसानों ने शोर मचाया और सूचना वन विभाग को दी। वनकर्मियों के साथ ग्रामीणों ने जब छानबीन की तो शव घटनास्थल से 500 मीटर की दूरी पर मिला। इस बीच वनकर्मियों ने फायर झोंके। युवक की मौत पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर करते हुए शव को मौके पर से उठने नहीं दिया। बुधवार देरशाम को लालुपूर बांसीटीला गांव में एकाएक मातम छा गया। किसान को बाघ द्वारा मारे जाने के बाद उसकी पत्नी मंजू, दो बेटे अंशु (12) और वंशु (11) का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार में पिता, माता के अलावा छोटा भाई शिवम है।

सीमा विवाद में उलझा वन विभाग


लालुपूर बांसीटीला सीटीआर के ढेला रेंज का ईडीसी गांव है। घटना के बाद सीटीआर व तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वन कर्मी सीमा विवाद में उलझ गए। सीटीआर के निदेशक डॉ. धीरज पांडेय ने बताया कि घटनास्थल तराई पश्चिमी वन प्रभाग के आमपोखरा रेंज का है। जबकि तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि यह गांव कॉर्बेट पार्क के ढेला रेंज का ईडीसी गांव है। दूसरी ओर, ग्रामीण भी घटना स्थल को कॉर्बेट पार्क के ढेला रेंज का बता रहे हैं।

चार घंटे तक ग्रामीणों ने शव नहीं उठाने दिया


रामनगर। बाघ के हमले में किसान की मौत पर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। चार घंटे तक ग्रामीणों ने शव उठाने नहीं दिया। रात 11 बजे के आसपास ग्रामीण खेत से शव लेकर घर पहुंच गए। दूसरी ओर वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने उनसे वार्ता करने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश बरकरार था। उनकी मांग थी कि बाघ को जल्द पकड़ा जाए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। वे मौके पर उच्च अधिकारियों को बुलाने पर अड़े रहे। करीब दो घंटे बाद सीटीआर के उपनिदेशक दिगांथ नायक, पार्क वार्डन अमित ग्वासीकोटी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया और शव को उठाने के लिए कहा। ऐसे में ग्रामीण नारेबाजी करने लगे। जब ग्रामीण नहीं माने तो वन विभाग के अधिकारी एक ओर खड़े हो गए। रात 11 बजे के आसपास ग्रामीणों ने खेत से किसान का शव उठाकर घर ले गए, जहां परिजन विलाप करने लगे। दूसरी ओर, पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने बताया कि आए दिन बाघ ग्रामीणों को अपना निवाला बन रहा है। कॉर्बेट प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सीटीआर के उपनिदेशक दिगांथ नायक ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए प्रयास जारी है।