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चम्पावत के चाय बागान में बढ़ेंगी पर्यटन गतिविधियां, पर्यटकों की सुविधा के लिए खर्च हो रहे 105 लाख रुपये

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जनपद चम्पावत में पर्यटन गतिविधियों निरंतर परवान चढ़ रही हैं। जिले में पर्यटन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाए जाने हेतु अनेक विकास कार्य प्रगति पर हैं, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही उन्हें आवश्यक सुविधाएं भी मिल सकें। इसी क्रम में मुख्यमंत्री घोषणा के अनुरूप जनपद मुख्यालय के सिलिंगटाक चाय बगान क्षेत्र जो पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान हैं, जहां पर्यटकों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, इस क्षेत्र में विभिन्न पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाए जाने हेतु सरकार द्वारा प्राथमिकता से कार्य किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन सुदृढीकरण एवं विभिन्न निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्वेश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है। जनपद चम्पावत का सिलिंगटाक प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थान है। यह स्थल प्राकृतिक सौन्दर्य, चाय, बांज एवं देवदार के वन एवं हिमाच्छादित हिमालय तथा स्थलाकृति इत्यादि से परिपूर्ण है। उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड के द्वारा वर्ष 2004 में वन पंचायत की भूमि पर चाय बगान विकसित करने का कार्य प्रारम्भ किया गया, जो वर्तमान में पूूर्ण रूप से विकसित होकर स्थानीय जनता के साथ-साथ पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। सिलिंगटाक के मनमोहक दृश्य से अभिभूत होने के लिए वर्ष भर पर्यटक एवं स्थानीय लोगों का तांता लगा रहता है।
इस संबंध में कार्यदाई संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता केके जोशी द्वारा अवगत कराया कि मुख्यमन्त्री घोषणा के अन्तर्गत सिलिंगटाक चाय बगान के सुदृढीकरण एवं विभिन्न निर्माण कार्य हेतु रू0 105.50 लाख प्राप्त हुआ। जिसके अन्तर्गत टूरिज्म हट की मरम्मत, दरवाजे एवं खिड़कियों को बदलना एवं रंग-रोगन, शौचालय का सुदृढीकरण, सेप्टिक टैंक एवं शोख पिट का निर्माण, पर्यटकों हेतु नये शौचालयों का निर्माण, व्यू प्वाइंट का कार्य, सैल्फी प्वाईट एवं टिकट काउण्टर का कार्य, चाय बागान स्थित रोड के किनारे जानवरों के बचाब हेतु चैन लिंक फैन्सिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही वर्तमान में कैफेटएरिया में रंग रोगन का कार्य प्रगति पर है और आगामी माह में कार्य को पूर्ण करते हुए इसे भी पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा।

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