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उत्तराखंड : दस साल से शिक्षक बन बच्चों को पढ़ा रहा था दसवीं फेल, खुला राज तो हुआ बर्खास्त

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उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जनपद से बेहद ही हैरान करने वाली खबर आ रही है। जनपद के एक सरकारी स्कूल में दसवीं फेल युवक दस सालों से बच्चों को पढ़ा रहा था। अब उसका राज खुल गया है। जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है। इस खबर के आने के बाद आप सोच सकते हैं ​कि उत्तराखंड में सरकारी सिस्टम किस ढर्रे पर चल रहा है। यहां ठग व जालसाल किस तरह सालों से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सरकार को लाखों करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सितारगंज के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चीकाघाट में सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे मुुकेश कुमार निवासी मुरादाबाद ने एक दशक से ज्यादा समय तक बच्चों को पढ़ाने का कार्य किया। एक शिकायत के बाद शिक्षक का अंक पत्र जांचा गया तो हाईस्कूल की मार्कशीट फर्जी पाई गई। विभाग की ओर से एसआईटी का गठन भी किया गया था। जिसके बाद शिक्षक को निलंबित कर मामले की जांच उपशिक्षा अधिकारी सुषमा गौरव को सौंप दी गई।
उप शिक्षा अधिकारी ने विस्तृत जांच की तो शिक्षक का असली अंक पत्र भी सामने आ गया, जिसमें वह हाईस्कूल में फेल पाया गया। शिक्षक का इंटरमीडिएट का अंक पत्र भी फर्जी पाया गया। कई अन्य अधिकारियों ने भी इस मामले में विधिवत जांच की, जिससे फर्जी अंक पत्र की पुष्टि हो गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एके सिंह ने बताया है कि आरोपी शिक्षक जनवरी 2022 से ही निलंबित चल रहा था। मामले की पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है।

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32 शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त
रुद्रपुर। फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिले में विभाग 32 शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त कर चुका है। कई शिक्षकों की विभागीय जांच जारी है।

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