उत्तराखण्ड

उत्तराखंड # चार राज्य आंदोलनकारी चढ़े छत पर व एक महिला पेड़ पर चढ़ी, प्रशासन के हाथ पैर फूले

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देहरादून। राज्य आंदोलनकारियों के प्रति सरकार पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए आज चार आंदोलनकारी देहरादून में कलेस्ट्रेट स्थित एक भवन की छत पर चढ़ गए। वहीं, एक महिला शहीद स्मारक स्थल पर एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई। आंदोलनकारियों के पास जहर की शीशी भी है। इससे प्रशासन के हाथ पैर फूल गए हैं। वहीं, विभिन्न संगठनों से जुड़े राज्य आंदोलनकारी भी परिसर में धरना दे रहे हैं। इस दौरान सुबह उत्तरकाशी के भटवाड़ी निवासी जगमोहन सिंह रावत, पौड़ी की देवेश्वरी देवी, रीना देवी चौहान और यशोदा रावत शहीद स्मारक में बने भवन की छत पर हैं।

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वहीं, पौड़ी के थैलीसैंड की संपत्‍ति देवी पेड़ पर चढ़ी हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को सरकार ने आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए पेंशन का शासनादेश जारी किया। इसके तहत राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल में रहे या घायल हुए जिन आंदोलनकारियों को 3100 रुपये पेंशन दी जा रही है, उनकी मृत्यु के पश्चात आश्रितों में पति या पत्नी को भी पेंशन दी जाएगी। वहीं, राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी मुख्य मांगों को दरकिनार किया जा रहा है। शुक्रवार की सुबह सूचना मिलने के बाद से काफी संख्या में पुलिस बल परिसर में तैनात है। सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने भी परिसर में पहुंचकर शासन से वार्ता कराने का आश्वासन दिए, लेकिन राज्य आंदोलनकारी मांग पूरी करने को लेकर अड़े हैं। सरकारी सेवा भर्ती में 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण, कार्ड धारकों को पेंशन दी जाए और चिहि्नत आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन दी जाए। आंदोलनकारी सावित्री नेगी ने कहा कि सरकार ने अब तक उनकी मांगों को अनसुना किया, जिसके चलते इस तरह का रास्ता अपनाया गया है। चिह्नित राज्य आंदोलनकरी मंच की प्रदेश महासचिव बीरा भंडारी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारि‍यों की मांग पर सरकार ध्यान नही दे रही है। लंबे समय से एक समान पेंशन की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार किसी को 15 हजार, किसी को पांच हजार और किसी को 3100 रुपये पेंशन दे रही है। आंदोलनकारी भूमा रावत ने कहा कि बीते गुरुवार को सरकार ने आश्रितों के लिए पेंशन का शासनादेश जारी किया है, लेकिन जो मांग की जा रही है उस पर सिर्फ आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा कि कल दो अक्टूबर को मुजफ्फरनगर कांड की बरसी पर सभी परिसर में एकजुट होंगे। छत और पेड़ पर चढ़े पांचों राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड राज्य निर्माण चिह्नित आंदोलनकारी मंच से जुड़े हैं।

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