उत्तराखंड : बच्चों की इस बीमारी को लेकर शासन ने जारी की एडवाइजरी, इन बातों का रखें ख्याल
प्रदेश में बच्चों में फैल रही हैंड फुट माउथ डिजीज (एचएफएमडी) को लेकर शासन ने एडवाइजरी जारी की है। कहा है कि बीमारी से घबराने की नहीं, बचाव की जरूरत है। शासन ने एचएफएमडी को लेकर एडवाइजरी जारी की है। सभी जिलाधिकारी और सीएमओ को बचाव के उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
संक्रमित बच्चों को पहनाएं मास्क
उन्होंने कहा कि इस बीमारी का संक्रमण छींकने, खांसने और लार की वजह से फैलता है। ऐसे में संक्रमित बच्चों को मास्क पहनाने के साथ ही एहतियाती कदम उठाए जाएं। साथ ही अस्पतालों में सभी दवाओं की उपलब्धता के भी निर्देश दिए गए हैं।
यह डिजीज एक सामान्य बीमारी
उन्होंने कहा कि हैंड, फुट, माउथ डिजीज एक सामान्य बीमारी है और सावधानी रखने पर इससे बचाव हो सकता है। ऐसे में इस संदर्भ में सभी को जागरूक करने और अस्पतालों में बीमार बच्चों के इलाज की सुविधा तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रायः देखा जा रहा है कि उत्तराखण्ड राज्य में विभिन्न जनपदों में बच्चों में हैण्ड फुट माऊथ डिज़ीज का प्रकोप बढ़ रहा है। अवगत होना चाहें कि एचएफएमडी के प्रकोप को रोकने के लिये हर सम्भव प्रयास किया जाना आवश्यक है। एचएफएमडी के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये निम्न जानकारी एवं निरोधात्मक गतिविधियों आवश्यक है।
- एचएफएमडी संक्रमण ड्रॉप्लेट इन्फैक्शन यानि खांसने व छींकने से फैलता है व सक्रमित व्यक्ति के नज़दीकी सम्पर्क में आने से थूक अथवा लार के सम्पर्क से फैलता है।
- एचएफएमडी के लक्षण है बुखार का आना, बदन दर्द, जी मचलाना, भूख न लगना, गले मे सुजन व दर्द, दस्त लगना, जोड़ों में सूजन आदि साथ ही 01 से 02 दिन के भीतर मसूड़ों, चेहरे, जीभ एवं हाथ व पंजों में चकत्ते आना।
- बचाव के तरीके संक्रमित बच्चे अथवा व्यक्ति को बीमारी की अवधि के दौरान आईसोलेट करना ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। बच्चों को जागरूक किया जाये, चकत्तों को रगड़ा न जाये। मास्क का इस्तेमाल एवं छींकते व खांसते समय सावधानी
उपचार: एचएफएमडी आमतौर पर मामूली रोग के रूप में परिलक्षित होता है एवं सामान्य लक्षणों के साथ स्वतः ही ठीक होने वाला रोग है । थोड़ी सी सावधानी से रोग को पूरी तरह से नियंत्रण में किया जा सकता है। लक्षण होने पर शरीर में समुचित हाईड्रेशन रखा जाये, प्रचुर मात्रा में पानी एवं तरल पदार्थो का सेवन किया जायेए संतुलित आहार लिया जाये हरी सब्जियॉए फलए प्रोटीन डाईट एवं विटामिन का सेवन किया जाये। बुखार व दर्द के लिये पैरासिटामॉल का इस्तेमाल किया जाये।

