उत्तराखंड : हाकम को वीपीडीओ परीक्षा में नकल कराने मामले में मिली जमानत, हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर लगाई रोक
उत्तराखंड में कोर्ट से दो बड़ी खबरें आई हैं। पहले मामले में यूकेसीएसएससी की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने को लेकर मुख्य आरोपी हाकम सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गई है। हाकम सिंह और संजीव चौहान को एडीजे कोर्ट से वीपीडीओ परीक्षा में नकल कराने के मामले पर जमानत दी गई है। वहीं दूसरे मामले में अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलिस आर्य को राहत मिलने की खबर आई है। हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर रोक लगा दी है।
पेपर लीक मामला : वर्ष 2016 में वीडीओ भर्ती नकल मामले में हाकम और संजीव आरोपी हैं। एसटीएफ ने पूरे मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अभी तक तीन आरोपियों को मामले में जमानत मिल चुकी है। उत्तराखंड में नकल माफिया के रूप में चर्चाओं में आए हाकम सिंह को आखिरकार कोर्ट से जमानत मिल गई है। स्नातक स्तरीय परीक्षा मेंधांधली करवाने के मामले में हाकम सिंह मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्त में लिया गया था। इसके बाद से ही हाकम सिंह सलाखों के पीछे है। हालांकि, अब एडीजेकोर्ट ने हाकम सिंह को जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद भी हाकम सिंह सलाखों के पीछे ही रहेगा। इसकी वजह दूसरे मामलों में हाकम सिंह का मुख्य आरोपी होना है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड : नैनीताल हाईकोर्ट ने चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। वहीं, अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। सोमवार को मामले की सुनवाई वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार, अंकिता भंडारी की हत्या के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। जिसमे कहा गया है कि जांच अधिकारी द्वारा सक्षम अदालत से उनका नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटद्वार ने यह अनुमति दी थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटद्वार के इस आदेश को पुलकित ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। कहा गया कि इस मामले के दो अन्य आरोपियों ने टेस्ट कराने की सहमति नहीं दी है। उन पर जांच अधिकारी के द्वारा बार-बार नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए दवाब डाला जा रहा है। वह अपना नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं कराना चाहते है। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता।
एक से तीन फरवरी के बीच होना था पुलकित का पॉलीग्राफ टेस्ट
पुलकित आर्य का एक से तीन फरवरी के बीच पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाना था। टेस्ट का स्लॉट विशेषज्ञों की उपलब्धता पर निर्भर था। पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद आरोपी का नार्को टेस्ट भी किया जाना था। इसके लिए पुलिस पहले ही करीब 30 सवालों की फेहरिस्त तैयार कर चुकी थी। इसमें पुलिस के बताए गए प्रश्नों को भी शामिल किया गया था।
टेस्ट से सुलझ सकती है कई सवालों की गुत्थी
अंकिता हत्याकांड में कई सवालों की गुत्थी नार्को टेस्ट से ही सुलझनी है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वीआईपी का नाम और पुलकित का मुख्य मोबाइल है। इसे लेकर दिसंबर 2022 में एसआईटी ने न्यायालय में नार्को टेस्ट कराने के लिए अर्जी दी थी। पहले तो पुलकित और सौरभ ने इसके लिए अनुमति दे दी थी। लेकिन, बाद में अपने वकीलों से सलाह करने के लिए प्रार्थनापत्र वापस ले लिए थे। ऐसे में दोबारा जब अनुमति के लिए पूछा गया तो केवल मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने ही स्वीकृति दी थी। इसमें भी उसने तमाम शर्तों और सवालों को शामिल किया था।