उत्तराखण्ड

उत्तराखंड # एसडीआरएफ जवान राजेन्द्र नाथ ने माउंट एलब्रुस को फतह कर रचा कीर्तिमान

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उत्तराखंड के SDRF जवान आरक्षी राजेन्द्र नाथ ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एलब्रुस (5642 m) को एक बार फिर 06 दिवस के अंतराल मे (डबल समिट) फतह कर दिया है। दिनाँक 16 अगस्त को टीम लीडर द्वारा आरक्षी राजेन्द्र नाथ पर भरोसा कर (फर्स्ट इंडियन पुलिस डबल समिट रिकॉर्ड के लिए) 03 अन्य सदस्यों के साथ एल्ब्रुस् बेस कैंप से रात 12 बजे रवाना किया । 17 अगस्त की सुबह 06:25 मिनट(यूरोप के समयानुसार एवं 08:55 मिनट भारतीय समयानुसार) पर यूरोप महाद्वीप की इस सबसे ऊंची चोटी को आरक्षी राजेन्द्र नाथ द्वारा सफल आरोहण किया गया। यह किसी पुलिस कर्मी द्वारा सर्वप्रथम माउंट एल्ब्रुस् पर 2 बार सफल अरोहण का रिकॉर्ड बना है।
आरक्षी राजेन्द्र नाथ एक मध्यमवर्गीय परिवार से है। उत्तरकाशी जिले के थरासु गांव में पले बढ़े राजेन्द्र दो बहनों के इकलौते भाई है। देश के लिए कुछ करने के जज़्बे और पारवारिक जिम्मेदारियों की पूर्ति हेतु काफी कम उम्र में ही वर्ष 2001 में पुलिस विभाग में बतौर जवान भर्ती हो गए, परन्तु अपने सपनो को पूरा करने की कोशिश लगातार करते रहे। परिवार में माँ, पत्नी व दो पुत्रों का भी सहयोग निरन्तर बना रहा,जिन्होंने सपनो को पूर्ण करने हेतु हमेशा प्रोत्साहित किया।

उपलब्धियां : वर्ष 2001 से पुलिस में सेवा दे रहे आरक्षी राजेन्द्र नाथ पूर्व में भी एक कीर्तिमान हासिल कर चुके है जिसमें यह उत्तराखंड के प्रथम पुलिसकर्मी बने है जिन्होंने माउंट त्रिशूल (7120 मीटर) का सफलतापूर्वक आरोहण किया है। माउंट त्रिशूल को पर्वतारोहियों द्वारा प्री- एवरेस्ट के रूप में किया जाता है। राजेन्द्र नाथ द्वारा पूर्व में भी सतोपंथ, चंद्रभागा-13(6264 मीटर) एवं डीकेडी-2 (5670 मीटर) का भी सफलतापूर्वक आरोहण किया गया था।
विभागीय सहयोग : SDRF, उत्तराखंड पुलिस ने निश्चय ही असम्भव से लगते आरक्षी राजेन्द्र के सपनो को पंख लगाकर उड़ान दी है। जब भी जिस भी समिट में जाने का लक्ष्य आरक्षी राजेन्द्र ने साधा, उच्चाधिकारियों द्वारा समस्त विभागीय कार्यवाही को तीव्र गति से कर, अपने ओर से समस्त सुविधाएं प्रदान की गई। इतना साहस दिखाने व SDRF का नाम राज्य एवं पूरे देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करने पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, पुलिस उप-महानिरीक्षक, SDRF रिद्धिम अग्रवाल एवं सेनानायक SDRF, नवनीत सिंह के साथ ही अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा राजेन्द्र नाथ की अत्यधिक सराहना की गई।