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उत्तराखंड : विधानसभा सचिवालय भर्ती प्रकरण की जांच को लेकर स्‍पीकर ऋतु खंडूड़ी ने गठित की कमेटी, विस सचिव को भेजा गया छुट्टी पर

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उत्‍तराखंड विधानसभा सचिवालय भर्ती प्रकरण को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बड़ा निर्णय लिया है। पत्रकार वार्ता में उन्‍होंने कहा कि भर्ती मामले में जांच कमेटी गठित कर दी गई है। साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को अवकाश पर भेज दिया है। स्पीकर ने युवाओं को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनके लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च प्राथमिकता है। कमेटी को अपनी रिपोर्ट एक माह में सौंपनी होगी।
विधानसभा की भर्तियों के प्रकरण की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है। समिति में पूर्व आइएएस डीके कोटिया अध्यक्ष और सुरेंद्र सिंह रावत व अवनेंद्र नयाल सदस्य होंगे। समिति एक माह में रिपोर्ट देगी। जांच होने तक सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को छुट्टी पर भेजा गया है। बुलाने पर विस सचिव को कमेटी के सामने उपस्थित होना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्ष 2012 से 2022 तक की नियुक्तियों की समिति जांच करेगी। इसके अलावा 2000 से 2011 तक उत्‍तर प्रदेश की नियामवली थी। इसे भी जांच के दायरे में लाया जाएगा। आगामी भर्तियों के लिए इस समिति की रिपोर्ट जरूरी है। इसी आधार पर आगे के नियम तय होंगे।

72 नियुक्तियों में कथित अनियमितता का मामला
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की बात सामने आने के बाद पिछले कुछ दिनों से पिछली विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा सचिवालय में हुई 72 नियुक्तियों में कथित अनियमितता का मामला भी तूल पकड़ा हुआ है।

मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने सख्‍त रुख अपनाया
इसे लेकर मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी के बाद वर्तमान विधानसभा अध्‍यक्ष ने भी शुक्रवार को सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए थे। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भर्तियों के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पत्र मिलने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले में विधिक राय ली जा रही है। इसके बाद ही वह कोई निर्णय लेंगी।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक 33 गिरफ्तारियां
वहीं यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक 33 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इस जांच के दौरान विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर अंगुली उठने लगी। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाया है।

मुख्‍यमंत्री धामी ने किया था नियुक्तियां निरस्त करने का आग्रह
उन्‍होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर कहा था कि विधानसभा एक गरिमामयी स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है। मुख्‍यमंत्री धामी ने भर्ती प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने और अनियमितताएं पाए जाने पर ऐसी सभी नियुक्तियां निरस्त करने का आग्रह किया था।

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