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उत्तराखंड # राज्य आंदोलनकारियों ने किया राजभवन कूच, पुलिस ने रोका, हुई धक्कामुक्की, दिया धरना

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उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण, चिह्नीकरण समेत अन्य कई मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने देहरादून में बहल चौक से राजभवन के लिए कूच किया। इस दौरान पुलिस ने हाथीबड़कला पर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। इसके बाद आंदोलनकारियों ने सड़क पर ही धरना भी दिया। राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले प्रदेशभर से जुटे आंदोलनकारियों ने बुधवार को राजभवन कूच किया। आंदोलनकारियों के कूच में कांग्रेस, यूकेडी और आम आदमी पार्टी ने भी अपना समर्थन दिया है। भारी संख्या में राजभवन कूच को निकले आंदोलनकारियों को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने संबोधित किया।


इस मौके पर उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण ना मिलने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों से कहा कि कि उनके हित में जो भी कदम उठाए गए वह कांग्रेस सरकार ने उठाए थे। भविष्य में भी जब भी कांग्रेस हुकूमत आएगी, राज्य आंदोलनकारियों के सपनों और आकांक्षाओं के अनुरूप गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने से लेकर आंदोलनकारियों के हित में तमाम कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि क्योंकि आरक्षण का बिल राज्यपाल के पास लंबित है, आरक्षण लंबित होने के कारण यह है मनसा पूरी ना हो सकी।
उन्होंने कहा कि जिस वक्त 2015 में आंदोलनकारी आरक्षण का विधेयक गैरसैंण विधानसभा सत्र में पास किया गया, उस वक्त वहीं राज्य के गृहमंत्री थे। धीरेंद्र प्रताप आंदोलनकारी समान परिषद के अध्यक्ष थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में सर्वसम्मति से 10 फीसगद क्षैतिज आरक्षण का बिल पास हुआ था। उन्होंने कहा कि ये खेद का विषय है कि डबल इंजन की सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के सपने पर डाका डाल दिया। 10 फीसद आरक्षण पर राज्य सरकार की कैबिनेट और विधान विधानसभा का प्रस्ताव पिछले 5 सालों से राज भवन में लंबित बना हुआ है। उन्होंने राज्यपाल बेबी मौर्य से अपील की है कि वे राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं का सम्मान करें और जल्द इस विधेयक पर मोहर लगाकर राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण का लाभ दें।
इस मौके पर उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि भाजपा सरकार जहां रोजगार देने में विफल रही, वहीं आंदोलनकारियों की नौकरी बचाने में भी कोई प्रयास नहीं किए। इसका जवाब आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता देगी। प्रदर्शन में महामंत्री नवीन जोशी, राजेंद्र शाह, पूर्व दर्जाधारी मनीष कुमार, याकूब सिद्दीकी, गिरीश कुनेरा, पूरन सिंह रावत, कैलाश ठाकुर, सुधीर सुनहरा, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा भी मौजूद थे।