उत्तराखंड : इस महिला आईपीएस को मिलेगा 2022 बेस्ट इंवेस्टिगेशन का गृह मंत्री पदक, मासूम के साथ हुए रेप और मर्डर केस को सुलझाया था ऐसे, आरोपी को दिलाई फांसी की सजा
देहरादून। पांच साल की मासूम से दुष्कर्म कर उसकी नृशंस हत्या मामले में आरोपी को फांसी की सजा दिलाने वाली उत्तराखंड आईपीएस डा. विशाखा अशोक भदाणे को 2022 गृह मंत्रालय (भारत सरकार) से मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इंवेस्टिगेशन अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है। आईपीएस डा. विशाखा अशोक भदाणे ने हरिद्वार के ऋषिकुल मोहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का न सिर्फ खुलासा किया बल्कि अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके इस कृत्य के लिए मृत्युदंड की सजा में मुख्य भूमिका निभाई।
इस शानदार पुलिसिंग के लिए आईपीएस डा. विशाखा को गृह मंत्री मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इंवेस्टिगेशन 2022 अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने महिला आईपीएस डा. विशाखा को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए गृह मंत्रालय से मिलने वाले सम्मान के लिए बधाई दी।
मालूम हो कि 20 दिसम्बर 2020 को हरिद्वार के ऋषिकुल मोहल्ले में एक 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या का मामला सामने आया था। इस संगीन मामले की जांच तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक (हरिद्वार) डा. विशाखा अशोक भदाणे कर रही थीं। उन्होंने मुकदमा दर्ज कर मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ को उसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, इस केस में अभियुक्त के घर की दूसरी मंजिल से लापता बच्ची का शव बरामद किया गया। पुलिस पूछताछ में अभियुक्तने कबूल किया कि उसने राजीव नाम के शख्स के साथ मिलकर मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर शव को दूसरी मंजिल पर छिपाकर रख दिया था।
इस केस में मासूम बच्ची के पोस्टमार्टम में डॉक्टरों के पैनल ने दुष्कर्म कर हत्या की रिपोर्ट बतायी। मृतका के विभिन्न नमूने एकत्र कर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए। 26 दिसम्बर 2020 को इस जघन्य घटना के सहअभियुक्त राजीव कुमार की सहायता करने वाले उसके भाई गंभीर चंद उर्फ गौरव को भी धारा 212 के तहत गिरफ्तार किया गया। वहीं, 28 दिसम्बर 2020 को दुष्कर्म आरोपी को मदद करने वाले अभियुक्त राजीव कुमार को भी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से गिरफ्तार किया गया। इस जांच को आगे बढ़ाते हुए अभियुक्त की चिकित्सा जांच कर उसके सेंपल एकत्र कर एफएसएल भेजे गए। इस जघन्य रेप.मर्डर केस में डॉ. विशाखा अशोक भदाणे द्वारा एकत्र किये गये पुख्ता सबूतों को समय पर पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया। पर्याप्त एविडेंस और गवाहों के आधार पर हरिद्वार पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश द्वारा मुख्य आरोपी रामतीर्थ को धारा 363/366ए/376(ए)(बी)/377/302/201और पॉक्सो एक्ट में दोषी करार देकर मौत की सजा सुनाई गई। जुर्माना भी लगाया गया। वहीं, इस संगीन घटना में सहअभियुक्त राजीव कुमार को साक्ष्य छिपाने के मामले में 5 वर्ष की सजा और अर्थदंड लगाया गया।