उत्तराखंड वीरभूमि, हर परिवार में दो योद्धा सैनिक और संघर्षशील नारी : न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह
टनकपुर के गांधी मैदान में बहुउद्देशीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
टनकपुर/चम्पावत। नगर के गांधी मैदान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चम्पावत एवं ऊधमसिंह नगर के संयुक्त तत्वावधान में बहुउद्देशीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित, पिछड़े, जनजातीय वर्ग, पूर्व सैनिकों, महिलाओं एवं दिव्यांगजनों को उनके संवैधानिक अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता एवं विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना रहा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यकारी अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी मौजूद रहे। शिविर के शुभारंभ अवसर पर छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। पूर्व सैनिकों की ओर से सेवानिवृत्त कर्नल उमेद सिंह एवं कैप्टन गंभीर सिंह धामी ने राष्ट्र सेवा में सैनिकों के योगदान पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से संवाद करते हुए वीर नारियों, युद्ध पुरस्कार प्राप्त सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित कर कृतज्ञता प्रकट की गई।

जनजातीय समुदाय की ओर से मो. इशाक अध्यक्ष पास्टोरल यूथ एसोसिएशन ने जनजातीय समाज की समस्याओं एवं अपेक्षाओं को मंच के माध्यम से प्रस्तुत किया। थारू एवं बोक्सा समाज के प्रतिनिधियों से संवाद के साथ-साथ जनजातीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया। नशा उन्मूलन विषय पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से समाज को नशे से दूर रहने का सशक्त संदेश भी दिया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत सामाजिक उत्तरदायित्व को सुदृढ़ करते हुए दिव्यांगजनों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को व्हीलचेयर एवं अन्य सहायक उपकरणों का वितरण किया गया, जिससे उनके जीवन में सुविधा, सम्मान एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार मणि ने लोक अदालत, मध्यस्थता, निःशुल्क विधिक सहायता योजनाओं एवं ‘न्याय मित्र ऐप’ के माध्यम से आमजन को घर बैठे न्यायिक सेवाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर न्यायमूर्ति आशीष नैथानी प्रशासनिक न्यायाधीश चम्पावत, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल एवं न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी आदि ने कहा कि विधिक सेवा संस्थाओं का लक्ष्य न्याय को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुँचाना है, ताकि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे।



मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह ने संविधान की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व के मूल्य तभी सार्थक होंगे जब समाज का प्रत्येक वर्ग अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक होगा। भूतपूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरभूमि है, यहां लगभग हर परिवार में दो योद्धा होते हैं। एक सीमा पर देश की रक्षा करता हुआ सैनिक और दूसरा घर में संघर्षों का सामना करती हुई महिला। सैनिकों के त्याग, बलिदान और कुर्बानी का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दिए जाने हेतु उच्च न्यायालय स्तर पर विशेष प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया। जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा, विधिक जागरूकता एवं सामाजिक संरक्षण के माध्यम से सभी को मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है।


समापन सत्र में कार्यकारी अध्यक्ष यूकेएसएलएसए न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह द्वारा विभिन्न प्रतिभागियों एवं लाभार्थियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, प्रभारी जिला न्यायाधीश ऊधमसिंह नगर आशुतोष मिश्रा, सचिव डीएलएसए ऊधमसिंह नगर योगेन्द्र कुमार सागर, सचिव डीएलएसए चम्पावत भवदीप रावते, न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।


