उत्तराखंड की बेटी आकांक्षा ने यूपीपीएससी में हासिल की सफलता, जानें उनकी सफलता की कहानी
उत्तराखंड की बेटी आकांक्षा गुप्ता ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस की परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की है। अपनी इस सफलता से आकांक्षा ने परिवार के साथ-साथ प्रदेश का भी मान बढ़ाया है। आकांक्षा ने यह सफलता सिर्फ सेल्फ स्टडी से पायी है। उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। वहीं, आकांक्षा की इस उपलब्धि पर पूरे परिवार में जश्न का माहौल है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में उत्तराखंड की बेटी नेराज्य का नाम रोशन किया है। आकांक्षा गुप्गुता ने अपने पांचवें अटेम्प्ट में पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है। सबसे बड़ी बात यह है कि आकांक्षा ने न सिर्फ पीसीएस परीक्षा पास की है, बल्कि चौथा स्थान हासिल करके अपनी कड़ी मेहनत को भी जाहिर कर दिया है।
आकांक्षा गुप्ता के पिता नरेंद्र गुप्ता व्यवसायी हैं और टाइल्स का कारोबार करते हैं। उनके परिवार में कभी कोई सरकारी कर्मचारी नहीं रहा। यह पहला मौका है, जब उनके परिवार सेकोई अफसर बनने जा रहा है। हालांकि, आकांक्षा गुप्ता के पिता ने भी पीसीएस की परीक्षा दी थी, लेकिन पारिवारिक कारणों के कारण वे अपनी पढ़ाई को आगे जारी नहीं रख पाए थे। लिहाजा उनका सपना था कि उनकी बेटी इस सपने को पूरा करें और परीक्षा पास कर अफसर बने। आज पूरा परिवार इस सपने के पूरा होने के बाद बेहद खुश है।
आकांक्षा गुप्ता ने बताया है कि अपने सपने को पूरा होता देख, हर कोई जिस तरह खुश होता है, उसी तरह वह भी आज परिवार के साथ
खुश है। उन्होंने यह कहा कि उन्हें इस बात का विश्वास नहीं हो रहा कि इस परीक्षा में, उन्होंने चौथी रैंक हासिल कर ली है। क्योंकि वह मान रही थी कि किसी भी तरह से वह इस परीक्षा को पास कर लें, लेकिन जब उन्होंने परिणाम देखा तो कई बार अपना रोल नंबर टटोला। आकांक्षा गुप्ता ने कहा क्योंकि पिछले कई सालों से लगातार वह पीसीएस के लिए तैयारी कर रही थीं, पिछली चार परीक्षाओं में वह असफल हुई थीं। ऐसे में एक समय ऐसा भी था, जब वह हताश भी हो गई थीं, लेकिन उन्होंने मेहनत का साथ नहीं छोड़ा। अपनी इस कामयाबी के पीछे आकांक्षा अपने चाचा और अपने भाई के साथ पूरे परिवार को वजह मानती हैं। आकांक्षा ने कहा वह उन युवाओं को केवल एक ही संदेश देना चाहती हैं, जो भी सिविल सर्विस देना चाहते हैं या अपने सपनेको पूरा करना चाहते हैं, वो बड़े ही पेशेंस के साथ अपनी मेहनत को जारी रखें और रिवीजन के जरिए वह अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है।
गौरतलब है कि आकांक्षा के परिवार में उनके दादा व्यवसाय करते थे। अब उनके पिता नरेंद्र गुप्ता भी टाइल्स का कारोबार देखते हैं। परिवार के सदस्य आकांक्षा की इस सफलता पर बेहद ज्यादा खुश हैं। परिजन और मित्र उनको लगातार फोन पर बधाई दे रहे हैं। साथ ही उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी परिजनों सेबात करते हुए उन्हें आकांक्षा की सफलता पर बधाई दी है। आकांक्षा के पिता ने बताया वह बेहद खुश हैं कि आज उनकी बेटी ने उनका सिर ऊंचा कर दिया है। उन्होंने कभी भी अपनी बेटी पर पढ़ाई का कोई दबाव नहीं बनाया। उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया। आकांक्षा गुप्ता की बहन नीतिका और दादी भी आकांक्षा के अफसर बनने के इस संघर्ष को याद करते हुए खुशी जाहिर करते हैं।