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राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष मानव तस्करी रोकने को लेकर दिखीं सख्त, कहा- समन्वय बनाकर कार्य ना करना चिंताजनक

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एसएसबी की एयूटीसी को प्रशिक्षित करने की कही बात, बनबसा में भी खुलेगा ओएससी

बनबसा। भारत और सीमा पार से हो रही मानव तस्करी को रोकने के लिए राज्य महिला आयोग ने जिला स्तरीय अधिकारियों व भारत-नेपाल के ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने वाली स्वयं सहायता समूह के साथ बैठक की। मौके पर मानव तस्करी को रोकने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों से आपसी समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए। वहीं पहली पंक्ति पर सुरक्षा की जिम्मेदारी देख रहे एसएसबी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को इस संवेदनशील समस्या से निपटने के लिए प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। वहीं सीमा पर कार्य कर रहे पुलिस, एसएसबी जवानों, अधिकारियों की काउंसिलिंग करने के साथ सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया।


एनएचपीसी सभागार में आयोजित बैठक में राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने हैरानी जताई की अभी तक पुलिस एसएसबी व संबंधित विभाग मानव तस्करी को रोकने के लिए आपसी समन्वय बनाकर काम नहीं कर रहे हैं। यह गंभीर लापरवाही है। इस पर विशेष कार्य किए जाने की जरूरत है। अगर जरूरत पड़ी तो अधिकारियों की भी भविष्य में काउंसलिंग कराई जाएगी ताकि मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध को भारत और सीमा पार से रोका जाए। ताकि बच्चियों और महिलाओं को जीने के लिए सुरक्षित माहौल मिल पाए। उन्होंने कहा कि अभी तक यह हो रहा था कि नेपाल से बड़ी भारी संख्या में मानव तस्करी दिखाई दे रही थी। अब भारत से भी मानव तस्करी हो रही है। इसके लिए तस्कर ट्रांजिट रूट के रूप में नेपाल का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रही मानव तस्करी के बाद भी इसके मुकदमे पुलिस में दर्ज नहीं हो रहे हैं। पुलिस को पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर वह एफआईआर ही दर्ज नहीं कर रही। इसके लिए भी विशेष कार्य करने की आवश्यकता है।
राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने कहा कि सीमा पर हो रही तस्करी और उसके बाद रेड लाइट एरिया व तस्करों से छुड़ाई गयी पीड़िता के पुनर्वास के उचित व्यवस्था नहीं है। जो बेहद चिंताजनक है। सीमा पर ऐसी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना बेहद जरूरी है। अभी वन स्टॉप सेंटर व उज्जवला केंद्र चल रहे है। वन स्टॉप सेंटर सिर्फ जिला मुख्यालय में है। इसको भी सीमा पर बनबसा में खोलने की बात कही, वहीं फंडिंग की कमी से जूझ रहे उज्ज्वला केंद्र को भी सशक्त बनाने की बात कही। उन्होंने पीड़िताओं को महिला कल्याण, समाज कल्याण व उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के लिए विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया।
मानव तस्करी को रोकने के लिए सामुदायिक सहभागिता पर विशेष जोर दिया गया। इसके लिए भारतीय सीमा से जुड़े गांव के लोगों को विशेष अभियान चलाकर जन जागरूक करने की बात कही। पिछले 5 वर्षों में उज्जवला केंद्र ने 1090 मानव तस्करी से छुड़ाई गई पीड़िताओं का पुनर्वास किया। जिनमें से 26 फ़ीसदी भारतीय हैं। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता हेमा जोशी, सीओ अविनाश वर्मा, राजेंद्र सिंह बिष्ट, डॉ. दीपक मुरारी, एसएसबी के डीएस कार्की, प्रीति यादव, सुभाष पनगरिया, माहेश्वरी भट्ट मैती (नेपाल), जनक चंद सहित कई विभागीय अधिकारी व नेपाल व भारत के एनजीओ के लोग मौजूद थे।

नेपाल सीमा से लगे अंतिम चेकपोस्ट तक पहुंची आयोग के उपाध्यक्ष
बनबसा। महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने एसएसबी जवानों के साथ भारत-नेपाल सीमा का निरीक्षण किया। गड्ढा चौकी पर एसएसबी की बीओपी, कस्टम चौकी व इमीग्रेशन कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान सीमा पार नेपाल व भारत से नेपाल की ओर जा रहे हैं महिलाओं व बच्चों से भी बातचीत की।