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विकास संघर्ष समिति ने उठाई लोहाघाट नगर की भूमि को फ्रीहोल्ड किए जाने की मांग

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चम्पावत। लोहाघाट विकास संघर्ष समिति ने लोहाघाट नगर की भूमि को फ्रीहोल्ड किए जाने की मांग उठाई है। इसको लेकर समिति ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

समिति की ओर से भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि कतिपय लोगों द्वारा अदालत में याचिका दायर किए जाने से नजूल भूमि के फ्रीहोल्ड होने के मामले का निदान नहीं हो पा रहा है। याचिकाकर्ताओं का अनुरोध है कि उनके शिष्टमंडल से शासन स्तर पर सकारात्मक वार्ता होने पर वे अपना वाद वापस ले लेंगे, ताकि समस्या का हल हो सके। ज्ञापन में सीएम से इस समस्या के समाधान का आग्रह किया गया है। ज्ञापन देने वालों में समिति अध्यक्ष विपिन गोरखा, शैलेंद्र राय, डीडी पांडे, प्रहलाद सिंह मेहता, रंजीत अधिकारी, राजकिशोर शाह, संजय पांडे, रमेश बिष्ट, गोपाल कनौजिया अजय गोरखा आदि शामिल रहे। डीएम नवनीत पांडे का कहना है कि नजूल भूमि के विवाद के समाधान के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

जमीन के फ्रीहोल्ड न होने से करना पड़ रहा कई परेशानियों का सामना

नजूल भूमि के फ्रीहोल्ड नहीं होने से लोहाघाट के लोग मालिकाना हक से वंचित हैं। इसके चलते उन्हें जमीन के आधार पर न तो सरकारी वित्तीय संस्थाओं से कर्ज मिल पाता है और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाता है। वर्ष 2009 और 2011 में नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने का प्रदेश शासन ने आदेश दिया था। जिसमें लोगों को जमीन की कीमत की 25 फीसदी राशि राजस्व विभाग में जमा करानी थी। इसके तहत मार्च 2012 तक लोहाघाट नगर क्षेत्र के 1499 लोगों ने नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए पत्रावलियां जमा करने के साथ 3.75 करोड़ रुपये जमा कराए थे, लेकिन कुछ लोगों की ओर से याचिका लगाने से तबसे यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।