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चम्पावत में शुरू हुई क्वैराला पंपिंग योजना से जलापूर्ति, पानी की किल्लत होगी दूर

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चम्पावत। अब जिला मुख्यालय के लोगों की पेयजल किल्लत दूर होगी। क्वैराला पंपिंग योजना की खामियों को दूर कर मंगलवार से पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इससे क्षेत्र के लोगों को अब भरपूर पानी मिलने मिलेगा।
चम्पावत पुनर्गठन पेयजल योजना (क्वैराला पंपिंग योजना) का काम अगस्त 2016 से शुरू होकर इस साल मार्च में पूरा होना था। ट्रायल, पेयजल परीक्षण और पंप में खामी की वजह से आपूर्ति में देरी हुई। 16 सितंबर को योजना से क्षेत्र के एक हिस्से (खर्ककार्की जोन) में पेयजल आपूर्ति शुरू की गई लेकिन खामी के चलते एक दिन बाद ही 17 सितंबर को आपूर्ति रोकनी पड़ी थी। मंगलवार से इस योजना से आपूर्ति शुरू कर दी गई है। जल निगम के ईई वीके पाल का कहना है कि फिलहाल आपूर्ति जल संस्थान की पुरानी लाइनों के जरिए की जा रही है। भैरवां से 200 किलोलीटर (केएल), खर्ककार्की से 80 केएल, कोतवाली चबूतरा से 1100 केएल और सर्किट हाउस वाले जोन से 400 केएल पानी मिलेगा। 30.88 करोड़ रुपये से बनी 17 किमी लंबी इस योजना से अगले 30 साल तक 29 हजार लोगों की जरूरत पूरी होगी।

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योजना से पहले मिल रहा था जरूरत का आधा पानी
चम्पावत। चंपावत शहरी क्षेत्र की 16 हजार की आबादी के लिए चंपावत शहर में 27 लाख लीटर पानी की रोजाना जरूरत होती है लेकिन क्वैराला योजना शुरू होने से पहले बमुश्किल 15 लाख लीटर पानी ही मिल रहा था। छीड़ापानी, ललुवापानी, रौखेत, च्यूराखर्क, चौड़देव, दियारखोला, सौडख़ोला, थूम, थैण, दुगधारी और सिमाल स्रोतों से मिलने वाले पानी के बावजूद आपूर्ति काफी कम थी। जल संस्थान के ईई विलाल युनूस का कहना है कि क्वैराला योजना के बाद अब पेयजल किल्लत दूर हो जाएगी।

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