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बड़ा सवाल : कौन है वह जो मुख्यमंत्री की घोषणा को कार्यरूप देने में लगा रहा है अड़ंगा…?

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आदर्श महाविद्यालय देवीधुरा में एमए कक्षाएं संचालित न होने से ग्रामीण छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में

लोहाघाट/चम्पावत। इसे देवीधुरा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र छात्राओं का दुर्भाग्य कहें या सिस्टम में ही ऐसे लोग बैठे हुए हैं जो मुख्यमंत्री की घोषणा को कार्यरूप देने में अड़ंगा लगा कर उनकी छवि धूमिल करने मै लगे हुए हैं। कुमाऊं के हृदय में बसा देवीधुरा ऐसा स्थान है जहां चम्पावत, अल्मोड़ा एवं नैनीताल जिलों की सीमाएं लगने के कारण इस स्थान से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का रोजमर्रा का रिश्ता जुड़ा हुआ है।

इसी को देखते हुए वर्ष 2014 में शासन द्वारा यहां राजनीति विज्ञान, हिंदी, संस्कृत,अंग्रेजी, समाज शास्त्र विषयों से महाविद्यालय की स्थापना की गई। यहां के उच्च शैक्षिक स्तर, अनुशासन आदि को देखते हुए इसे आदर्श महाविद्यालय की श्रेणी में शामिल किया गया। इस महाविद्यालय में वर्तमान में तीनों ही जिलों के पूरी तरह ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। वर्ष 2022 में मां बाराही के उपासक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाराही धाम में ही महाविद्यालय के छात्र छात्राओं की दिक्कतों को देखते हुए बीए में भूगोल, इतिहास, शिक्षा शास्त्र तथा एमए में समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र एवं हिंदी विषय खोलने की घोषणा की थी।

इसे क्षेत्रीय युवा शक्ति का दुर्भाग्य कहें या लोकप्रिय मुख्यमंत्री की फिजा खराब करने का कोई षडयंत्र, कि घोषणा के बाद यहां से तीन बैच निकल चुके हैं लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। इसका परिणाम यह निकल रहा है कि यहां अध्ययनरत ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों के सामने वित्तीय चिंतन उन्हें अन्यत्र जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय खुलने के बाद पहली बार यहां की छात्राओं ने स्नातक की डिग्री हासिल की, लेकिन यह सभी छात्राएं आगे की पढ़ाई कर अपना भविष्य सुनिश्चित करना चाहती हैं, लेकिन सिस्टम मै बैठे हुए लोगों को यह सब नागवार गुजर रहा है।

वर्ष 2023 में यहां के छात्र छात्राओं ने आंदोलन कर उच्च शिक्षा विभाग को जगाने का प्रयास किया तो विभाग द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा को सैद्धांतिक सहमति देने के साथ महाविद्यालय को सड़क से जोड़ने की स्वीकृति अवश्य मिली लेकिन बीए व एमए में नए विषयों के सृजन का मामला लटका रहा। एबीवीपी के पूर्व जिला संयोजक संदीप चम्याल के नेतृत्व में छात्र छात्राओं ने उच्च शिक्षा मंत्री के नाम अपने खून के पत्र लिखकर उनका ध्यान आकर्षित किया, लेकिन अभी तक कोई परिणाम तो सामने नहीं आए। अलबत्ता छात्र छात्राओं समेत पूरे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हाथ निराशा अवश्य मिली है।

पूर्व में छात्र छात्राओं द्वारा अपने खून से उच्च शिक्षा मंत्री को लिखा गया पत्र। फाइल फोटो
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