महिला ने टनकपुर कोतवाली पुलिस पर लगाया बेटी के हत्यारे ससुरालियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप
टनकपुर। एक महिला ने अपनी बेटी के ससुरालियों पर दहेज के लालच में उसकी बेटी को तिल तिल कर मारने का आरोप लगाया है। साथ ही कोतवाली पुलिस पर बेटी के हत्यारे ससुरालियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। महिला ने अब डीजीपी के दरबारे में दस्तक देने की बात कही है।
शुक्रवार को टनकपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज न होने पर आवेश में आकर मृतक बेटी की माँ कोतवाली परिसर में ही अपना सर फोड़ने लगी। जिसे उसके बेटों और महिला पुलिस कर्मियों ने बचाया। मृतका की मां मीना सागर निवासी शारदा घाट टनकपुर ने बताया उन्होंने अपनी पुत्री सुषमा का विवाह दिनांक 24 नवम्बर 2021 को संजीव कुमार पुत्र मंगली प्रसाद निवासी टांडा गुलाब राय थाना माधौटांडा जिला पीलीभीत के साथ हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार किया था । शादी में अपनी सामर्थ्य के अनुसार एक पल्सर मोटर साइकिल दो लाख इक्यावन हजार रुपये नकद, सोने की अंगूठी, सोने की चैन एवं घरेलू उपयोग में आने वाला सभी सामान दिया था। पुत्री के विवाह में लगभग 9 लाख रुपये खर्च किये थे, लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद उनकी पुत्री सुषमा को ससुराल पक्ष के लोगो द्वारा दहेज में एक कार व मेडिकल एजेन्सी का काम शुरू करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की जाने लगी और उनकी पुत्री के साथ मारपीट की जाने लगी।
उन्होंने बताया गत 02 जून को सुषमा का पति संजीव कुमार उसे अत्यन्त बीमारी की हालत में टनकपुर छोड़ गया। इलाज के दौरान डाक्टरों ने गलत दवाओं से रिएक्शन की बात कहीं। तमाम इलाज कराने के बावजूद 9 अगस्त को बेटी का निधन हो गया। ससुराल पक्ष को सूचना देने के बाद भी वहां से कोई नहीं आया। उन्होंने कहा बेटी के ससुराल वालो ने दहेज़ के लालच में उनकी बेटी को गलत दवाइया खिलाकर तिल तिल मरने पर मजबूर कर दिया और आख़िरकार वो जीवन की जंग हार गयी। मीना सागर ने कहा हम लोग पिछले एक महीने से कोतवाली में जाकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन पुलिस द्वारा कोई मदद करना तो दूर की बात हमारी रिपोर्ट तक नहीं लिखी गयी और हमें डांट डपट कर भगा दिया जाता रहा है। इसलिए हम लोग डीजीपी उत्तराखंड के दरबार में न्याय की गुहार लगाने गए हैं। वहीं प्रभारी निरीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि इस मामले में पहले ही धारा 498, 304, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ये परिवार पुलिस से दहेज़ का सामान ससुराल पक्ष से वापिस कराने की मांग करने आ रहे हैं, जो न्यायालय के आदेश पर ही संभव है।