महिलाओं ने शराब की दुकान के बाहर दिया पहरा, ग्राहकों को भी भगाया, जानिए पूरा मामला
रुद्रप्रयाग। जिले में शहरी बाजारों में खोले गए अंग्रेजी शराब के ठेकों को कहीं और शिफ्ट करने की मांग को लेकर महिलाओं का आक्रोश सड़कों में उतर आया। महिलाएं शराब के ठेकों को शहरी इलाकों से दूर दूसरे स्थानों पर खोलने की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि जब तक दुकानों को अन्य स्थानों पर नहीं खोला जाता, तब तक महिलाएं शराब के ठेकों के बाहर अपना प्रदर्शन करती रहेंगी और शराब भी नहीं बिकने देंगी।
शुक्रवार को मुख्यालय स्थित पेट्रोल पंप के पास अंग्रेजी शराब की दुकान को शिफ्ट करने की मांग को लेकर अपर बाजार की महिलाओं ने प्रदर्शन किया। महिलाओं ने शराब की दुकान के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब से यहां शराब की दुकान खुली है, तब से माहौल काफी खराब हो रहा है। शराबियों को देखकर नौजवान भी नशे की गर्त में जा रहे हैं।
वहीं महिलाओं का कहना है कि रास्तों में सुबह से लेकर सांय तक शराबी गिरे पड़े हैं, जिससे महिलाओं को आने-जाने में दिक्कतें हो रही हैं। शराब का प्रभाव लोगों के परिवार पर असर डाल रहा है। बच्चे सारी गतिविधियां देख रहे हैं, जिससे उनका भविष्य बर्बाद होने का खतरा बना है। शराबी गंदी गालियां दे रहे हैं। महिलाओं का रास्ते से गुजरना दूभर हो गया है।
महिलाओं ने कहा कि पूर्व में जिलाधिकारी और विधायक को भी ज्ञापन दिया गया है। बावजूद इसके कोई कार्रवाही नहीं की जा रही है। शहर में महिलाओं का बाजार आना-जाना मुश्किल हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब के ठेकों को खोला गया है, जिससे देश-विदेश से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक भी इस मुद्दे पर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन को कोई चिंता ही नहीं हैं। महिलाओं ने साफ किया है यदि शराब की दुकान को यहां से कहीं और शिफ्ट नहीं किया गया तो उनका आंदोलन और उग्र होगा। इस मौके पर महिला जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष वीरा देवी, राखी देवी, आशा देवी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थी।
वहीं विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) राष्ट्रीय महामंत्री महंत थानापति मणिमहेश गिरी ने कहा कि बदरीनाथ हाईवे से लेकर केदारनाथ हाईवे के किनारे शराब की दुकानें खोली गई हैं। पहले राष्ट्रीय राजमार्गों से दो सौ मीटर की परिधि में शराब की दुकाने खोली गई थी, मगर अब ये दुकाने सीधे राजमार्गों पर ही खोली गई हैं। ऐसे में शहरी इलाकों का माहौल खराब हो रहा है। महिलाएं सड़कों में असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
