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गैरसैंण में ग्रामीणों के ऊपर हुआ लाठीचार्ज, पानी की बौछार की, हरीश रावत और आप ने की निंदा

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देहरादून। पिछले कई माह से चमोली जिले के घाट में आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने आज नंदप्रयाग घाट रोड के चौड़ीकरण को लेकर उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन चमोली के गैरसैंण में प्रदर्शन किया। विधानसभा घेराव को जा रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इतना ही नहीं उन पर वॉटर कैनन भी चलाया गया। इससे भगदड़ मच गई। जिसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना है। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं। लाठीचार्ज की पूर्व सीएम हरीश रावत ने कड़े शब्दों में निंदा की है।
गैरसैंण में आज विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हुई। इसी के साथ पुलिस ने स्थानीय आंदोलनकारियों को लाठियों और पानी की बौछारों की सौगात दी। प्रदर्शनकारी इस मार्ग के के चौड़ीकरण को लेकर विधानसभा का घेराव की कोशिश कर रहे थे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं छात्र-छात्राएं वह बच्चे भी शामिल हुए। सोमवार को इन आंदोलनकारियों ने अपने प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए नारेबाजी शुरू की। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके रास्ता रोका हुआ था। रास्ता रोकने के बाद पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने जंगलचट्टी बैरियर पर रोक दिया। पुलिस के साथ आंदोलनकारियों की तीखी नोक-झोंक भी हुई। पुलिस के बैरियर को पार कर आंदोलनकारी पैदल दिवालीखाल को निकल पड़े। आंदोलनकारियों ने जंगलचट्टी बैरियर को तोड़ दिया। तिरंगा यात्रा निकाल विधानसभा की ओर कूच किया। पुलिस ने उनपर पानी की भी बौछारें की। इस दौरान लाठियां भी भांजी गई। लोगों में भगदड़ भी मची। मौके पर महिलाओं को बच्चों की चीख पुकार मचने लगी।
गौरतलब है कि चमोली जिले में घाट क्षेत्र के लोग काफी समय से नंद प्रयाग घाट सड़क के चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री भी पहले घोषणा कर चुके थे। जब कुछ नहीं हुआ तो लोगों ने वहां दिसबंर माह से धरना शुरू किया। जनवरी माह में ग्रामीणों ने अपने आंदोलन को बल देने के लिए करीब 25 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला भी बनाई थी। तब ये मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव लोक निर्माण विभाग को आवश्यक निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण के लिए आवश्यक परीक्षण करते हुए शीघ्र कार्यवाही की जाए, ताकी क्षेत्र की हजारों की आबादी वाले ग्राम सभाओं के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके। वहीं, इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी ग्रामीणों के साथ एक दिन धरने पर बैठ चुके हैं।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने की निंदा
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने गैरसैंण में नंदप्रयाग-घाट सड़़क की माँग कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस की ओर से की गई बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा है कि नंदप्रयाग-घाट क्षेत्र के लोग लम्बे समय से सड़क की माँग को लेकर आंदोलनरत हैं। आंदोलनरत लोगों पर सरकार के इशारे पर पुलिस से बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज कराकर सरकार ने अपनी कायरता का परिचय दिया है। जिसमें कई माताएं बहने भी बुरी तरह घायल हुई हैं। इसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण को असत्य बातों का पुलिंदा बताया है। उन्होंने कहा कि भाषण में उल्लेखित तथ्य यथार्थ से मेल नहीं खातें हैं और कांग्रेस विधानमंडल ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर जनता की भावनाओं को व्यक्त कर उचित कदम उठाया है, कांग्रेस जनभावनाओं के साथ हर पल खड़ी रहेगी।

अपने हक के लिए सड़कों पर उतरी मातृशक्ति पर लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण
आप के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने गैरसैंण में बजट सत्र के दौरान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा किया गया बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज और वॉटर कैनन के इस्तेमाल पर कडी आलोचना की है। आप प्रभारी ने कहा एक तरफ महीनों से मुख्यमंत्री और सरकार ने इन लोगों की मांगों पर गौर नहीं किया। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने अपनी एक नई घोषणा में कहा भी कि प्रदेश में अधिकांश सडकें डेढ़ से डबल लेन की होंगी। वहीं, सरकार यहां के आंदोलनकारियों के साथ अलग व्यवहार कर रही थी। यही वजह थी कि आज अपनी मुख्य मांगों को लेकर नंदप्रयाग और घाट समेत कई गांवों के लोग गैरसैंण पहुंचे। आप प्रभारी ने प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ये सरकार घंमड में चूर हो चुकी है, जिसे जनता का दर्द नजर नहीं आ रहा है। जिस मातृशक्ति के संघर्ष के दम पर नया प्रदेश मिला। ये सरकार उसी मातृशक्ति पर डंडों की बरसात कर रही है। ये सरकार आज निर्दोष लोगों के दमन पर उतर आई है। उत्तराखंड की जनता इस बेरहम और तानाशाही सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड