चम्पावत पुलिस ने धर दबोचा चिट फंड घोटाले का सरगना, लखनऊ से हुई गिरफ्तारी, चार जिलों में दर्ज हैं 21 मुकदमे
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चम्पावत। चिट फंड/नॉन बैंकिंग फाइनेन्स कम्पनी घोटाले के सरगना को चम्पावत पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के लगभग 30-40 मुकदमे होने की सम्भावना। आईजी कुमाऊं अजय रौतेला के निर्देश पर पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा एवं चम्पावत में नॉन बैंकिग फाइनेन्स कम्पनी से सम्बन्धित अभियोंगो की विवेचनाओं में तेजी लाए जाने एवं वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर सफल निस्तारण किए जाने के लिए निरीक्षक/उपनिरीक्षकों की दो टीमों का गठन किया गया है। जिसमें दोनों टीमों का पर्यवेक्षण अधिकारी एसपी चम्पावत लोकेश्वर सिंह को बनाया गया है। चार जिलों में नॉन बैंकिग फाइनेन्स से सम्बन्धित 21 अभियोंग पंजीकृत हैं। जिसमें जनपद अल्मोड़ा में 04, जनपद पिथौरागढ़ में 06, जनपद बागेश्वर में 08 एवं जनपद चम्पावत में 03 अभियोग पंजीकृत हैं। तीन दिसंबर 2020 को एसपी चम्पावत ने चारों जिलों में पंजीकृत नॉन बैंकिग फाइनेन्स से सम्बन्धित अभियोंगों में विवेचना में तेजी लाये जाने के लिए दोनों टीमों के /विवेचकों निरीक्षकों/उपनिरीक्षकों के साथ पुलिस कार्यालय जनपद चम्पावत में समीक्षा गोष्ठी कर अभियोगों में वांछित अभियुक्तों के विरूद्ध ठोस साक्ष्य एकत्र कर वांछित अभियुक्तों को प्रकाश में लाकर गिरफ्तार करने हेतु निर्देशित किया गया।
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इसके बाद पुलिस ने घोटाले के मुख्य सरगना की धरपकड़ हेतु मुखबीरखास को सतर्क कर सर्विलांस सैल के माध्य से निरगरानी की गयी तथा सरगना के सम्बन्ध में जानकारी के लिए अन्य जनपदों व प्रदेशों से सम्पर्क साधा गया। पुलिस के अथक प्रयासा के बाद घोटाले के मुख्य सरगना की पहचान प्रदीप कुमार अस्थाना पुत्र कैलाश नाथ, उम्र – 56 वर्ष, निवासी नई गंज, सदर कोतवाली जौनपुर, उत्तर प्रदेश हाल निवासी- शाही सदन, बी-17, सेक्टर जे, थाना अलीगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश का लखनऊ के रूप में की। इस पर एसआई दीवान सिंह जलाल थानाध्यक्ष रीठासाहिब व एसआई तेज कुमार, थाना टनकपुर के नेतृत्व में दो पुलिस टीमों का गठन कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए भेजा गया। दोनों पुलिस टीमों ने आरोपी प्रदीप कुमार को थाना विभूति खंड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश से शनिवार 27 फरवरी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के खिलाफ पुलिस अग्रिम कार्यवाही कर रही है। पुलिस टीम में एसओ रीठा दीवान सिंह जलाल, एसओजी प्रभारी विरेन्द्र सिंह रमौला, एसआई तेज कुमार, कांस्टेबल विजय कुमार, लाल बाबू, बालकिशन व भुवन पांडेय शामिल रहे।
आरोपी का आपराधिक विवरण
जनपद चम्पावत-
01- मु0 FIR No- 51/20 अन्तर्गत धारा 409/420 भादवि, 03 यू0पी0डी0आई0 एक्ट 2005 थाना लोहाघाट, कैमुना क्रेडिट लिमिटेड के 1381 निवेशको के 02 करोड़ 90 लाख रुपये की धनराशी विभिन्न माध्यमों से जमा कर वापस नही करने के सम्बन्ध में
02- मु0 FIR No- 128/20 अन्तर्गत धारा 409/420 भादवि थाना टनकपुर- कैमुना क्रेडिट लिमिटेड के 800 निवेशको के 03 करोड़ रुपये की धनराशी विभिन्न माध्यमों से जमा कर वापस नही करने के सम्बन्ध में ।
जनपद पिथौरागढ़-
01- मु0 FIR No- 21/20 अन्तर्गत धारा 409/420 भादवि, 03 यू0पी0डी0आई0 एक्ट 2005 थाना बेरीनाग- कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के विरूद्ध 89 निवेशको से 18,82,800/-रू0 की धनराशी विभिन्न माध्यमों से जमा कर वापस नही करने के सम्बन्ध में ।
जनपद अल्मोड़ा-
01- मु0 FIR No- 33/20 अन्तर्गत धारा 406/409/420 भादवि, थाना सोमेश्वर- कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के 472 निवेशको के 90 लाख रू0 की धनराशी विभिन्न माध्यमों से जमा कर वापस नही करने के सम्बन्ध में ।
02- मु0 FIR No- 24/20 अन्तर्गत धारा 406/409/420 भादवि, थाना चौखुटिया कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के 127 निवेशको के 1,19,21,081/-रू0 की धनराशी विभिन्न माध्यमों से जमा कर वापस नही करने के सम्बन्ध में ।
जनपद बागेश्वर-
01- मु0 FIR No- 168/20 अन्तर्गत धारा 406/409/420/120बी भादवि व 03 यू0पी0डी0आई0 एक्ट 2005, कोतवाली बागेश्वर- कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के 141 निवेशको के 33,67,593/- रू0 की धनराशी विभिन्न माध्यमों से जमा कर वापस नही करने के सम्बन्ध में ।
02- मु0 FIR No- 55/20 अन्तर्गत धारा 406/409/420/120बी भादवि व 03 यू0पी0डी0आई0 एक्ट 2005, थाना बैजनाथ- कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के 275 निवेशको के 1,44,18,370/- रू0 की धनराशी विभिन्न माध्यमों से जमा कर वापस नही करने के सम्बन्ध में ।
क्या होती है नॉन बैंकिंग फाननेन्स कम्पनी- नॉन बैंकिंग फाननेन्स कम्पनी किसी जमा योजना में लोगों का पैसा जमा करने का काम करती है और उन्हें कई तरह के ऋण प्रदान करती है | यह एक वित्तीय संस्था होती है, जो बैंक की तरह काम तो करती है लेकिन, यह किसी बैंक की तरह नहीं होती है | यह कम्पनी पहले किसी योजना के तहत जमाकर्ता से पैसे जमा करवाती है, इसके बाद जमाकर्ता को ऋण के रूप में मुनाफा का कुछ हिस्सा प्रदान करती है | इस तरह की कंपनी जमा राशि, बीमा (Insurance), उधार (Loan), शेयर (Share), स्टोक्स (Stocks) में निवेश करने का काम करती है। ऐसे ही कुछ कम्पनीयों द्वारा विभिन्न माध्यमों से लोगों का पैसा गबन कर फरार हो जाते है।