चमोली त्रासदी # अब तक 58 शव बरामद, 146 लोग लापता
उत्तराखंड के चमोली में आपदा में लापता लोगों की तलाश का काम 10 वें दिन भी जारी है। अब टनल में फंसे लोगों के जीवित रहने की उम्मीद समाप्त होने लगी है। स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, एफएसएल रेस्क्यू, खोज, बचाव राहत एवं डीएनए सैम्पलिंग के कार्यों में लगी हुई है। प्राकृतिक आपदा में लापता कुल 204 लोगों में से 58 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं। जिनमें से 29 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 29 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पायी है। 146 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। लापता समस्त लोगों के सम्बन्ध में अब तक कोतवाली जोशीमठ में 52 एफआईआर पंजीकृत की जा चुकी है। इसके साथ ही जनपद चमोली के विभिन्न स्थानों से ही 22 मानव अंग भी बरामद किये गये हैं। इनमें एक की शिनाख्त हो चुकी है। उत्तराखंड में चमोली जिले में आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों में बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई थी। चार दिन तक एनटीपीसी की जिस टनल में लापता 35 मजदूरों की खोज का काम चल रहा था, इसे लेकर बड़ा खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया। बुधवार 10 फरवरी की रात पता चला कि जिस टनल में श्रमिक काम ही नहीं कर रहे थे, वहां चार दिन तक टनल साफ करने का काम चलता रहा। वहीं, मजूदूर इस टनल से करीब 12 मीटर नीचे दूसरी निर्माणाधीन टनल एसएफटी में काम कर रहे थे। ये टनल एसएफटी (सिल्ट फ्लशिंग टनल) गाद निकासी के लिए बनाई जा रही थी। करीब 560 मीटर लंबी एसएफटी टनल निर्माण के लिए अब तक 120 मीटर तक खुदाई हो चुकी थी। अब इसी टनल में लापता को खोजने का काम चल रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं।