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हल्द्वानी में एक ही परिवार के चार सदस्यों का निकला जनाजा, कल रात हादसे में हो गई थी मौत

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हल्द्वानी। आंसुओं की बारिश के बीच इंद्रानगर निवासी टाइल ठेकेदार और उसके अबोध बेटे समेत चार पारिवारिक सदस्यों का जनाजा निकला। एक साथ चार जनाजे उठे तो परिजनों में कोहराम मच गया। गफ्फारी मस्जिद में हुई नमाज के बाद गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। देर रात ही हादसे का पता चलने पर स्थानीय लोगों का पीड़ित परिवार के घर जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। आसपास के सभी नाते-रिश्तेदार शोक में शरीक होने घर पहुंच गए थे। रविवार सुबह साढ़े सात बजे हादसे में मारे गए चारों मृतकों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इस दौरान राजनीतिक दलों के साथ ही डेढ़ सौ से अधिक लोग मोर्चुरी पहुंच चुके थे। भीड़ जुटने के बाद पुलिस को कुछ देर बरेली रोड का ट्रैफिक भी डायवर्ट करना पड़ा। पोस्टमॉर्टम के बाद सभी के शव इंद्रानगर बड़ी रोड स्थित अवास पहुंचे। शव आवास पर पहुंचे तो महिलाओं में कोहराम मच गया। यहां नाते-रिश्तेदार, स्थानीय निवासी समेत डेढ़ सौ से अधिक महिलाएं दुख में शरीक होने पहुंची थी। इसके बाद नमाज के लिए जनानों समेत लाइन नंबर 17 गफ्फारी मस्जिद पहुंचे। इसके बाद गमगीन माहौल और नम आंखों के साथ कब्रिस्तान तक जनाना निकाला गया। मौलवी की मौजूदगी में शवों को सुपर्दे खाक कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार टाइल ठेकेदार अपने परिजनों समेत मिलक के घेरा शरीफ निवासी अपनी भांजी इस्तिखा की मंगनी में शामिल होने गए थे। मंगनी में शामिल होने के बाद सभी जल्द शादी में शामिल होने के सपने लेकर वापस लौट रहे थे। लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। जबरदस्त हादसे में कार सवार चार लोगों की मौत हो गई। मंगनी वाले घर में जब इस भीषण हादसे की खबर फैली को खुशी पल भर में ही काफूर हो गई। देर रात ही ठेकेदार की बहन और उसका परिवार अन्य रिश्तेदारों के साथ हल्द्वानी पहुंच गए। हादसे का पता चलने पर रविवार सुबह एसडीएम विवेक राय, सीओ सिटी बीएस धौनी और तहसीलदार नितेश डांगर फोर्स समेत संवेदना जताने मृतकों के आवास पहुंचे। लेकिन यहां पुलिस प्रशासनिक अमले को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने बड़ी घटना होने के बावजूद पुलिस और संसाधनों के विलंब से पहुंचने पर सवाल उठाए। कहा कि उच्च पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल और फिर मोर्चुरी पर नहीं पहुंचे। अस्पताल में भी बदइंतजामियां थी। घायलों की संख्या की तुलना में डॉक्टर और स्टाफ भी कम था। बता दें कि शनिवार रात हल्दूचौड़ के मोमटी नंबर पांच के पास हल्द्वानी की ओर आ रही अल्टो विपरीत दिशा से आ रहे कैंटर से टकरा गई थी। इसमें अल्टो के परखच्चे उड़ गए थे। बुरी तरह पिचकी कार को उपकरणों से काट घायल और मृतकों को बाहर निकाला गया था। इस हादसे में टाइल कारोबारी शाहिद (33) के साथ ही चार साल के बेटे गाजी, भतीजे अरशुल (22) और भाई की बीवी आस्मा (25) की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि शाहिद की बीवी राजिया और भाई राशिद एसटीएच में भर्ती हैं। शाहिद की तीन साल की कैफा को महज 

सड़क निर्माण एजेंसी की काहिली बनी हादसे का वहज
हल्द्वानी। हादसे के बाद रविवार को एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने घटनास्थल का मुआयना किया। घटनास्थल पर एनएच बरेली-नैनीताल हाइवे का फोर लेन निर्माण करवा रहा है। कई पैच में सड़क अधूरी पड़ी है। जिस जगह पर हादसा हुआ वह एक ही लेन का है। इस लेन पर दोनों ओर से वाहन गुजरते हैं। निर्माण एजेंसी सड़क बनाने के काम में काहिली नहीं बरतती को हादसे का टाला जा सकता था। सड़क निर्माण होने और वन वे होने के बाद भी कार्यदायी संस्था ने साइनेज बोर्ड और दुर्घटना संभावित स्थल को लेकर कोई भी एहतियाती कदम नहीं उठाए थे। एक ही लेन में दो वाहनों की आमने-सामने की टक्कर को कार्यदायी संस्था की लापरवाही से जोड़कर देखा जा रहा है। एसएसपी ने बताया कि दुर्घटना की गहन जांच-पड़ताल कराई जा रही है।

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नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड