नगर पालिका नैनीताल के 13 निर्वाचित और तीन मनोनीत सभासदों ने दिया इस्तीफा, जानें क्या है पूरा मामला


नगर पालिका नैनीताल के निर्वाचित और सरकार की ओर से मनोनीत 16 सभासदों ने पद से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को सभासदों ने सामूहिक त्यागपत्र कमिश्नर को सौंप दिया। इससे नैनीताल नगर पालिका की राजनीति में खलबली मची हुई है। सभासदों ने सरकार और पालिका प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा गया है कि पालिका प्रशासन, जिला प्रशासन, शासन के साथ ही सीएम हेल्प लाइन पर कई बार शिकायतें की गईं। समस्याएं बताई गई।, लेकिन आज तक इसका संज्ञान नहीं लिया गया। इससे वे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। सामूहिक इस्तीफे में कहा गया है कि नैनीताल ऐतिहासिक नगर है। उच्च न्यायालय, कमिश्नरी, जिलाधिकारी, नैनीताल आदि अतिविशिष्ट कार्यालयों के मुख्यालय स्थापित हैं। इसके बाद भी पालिका प्रशासन, जिला प्रशासन एवं सरकार द्वारा जनहित की शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है और न ही शासन प्रशासन का संबंधित अपने-अपने विभागों के अधीन कर्मचरियों पर कोई कार्यवाही कर रहा है। इससे जनहित एवं विभागीय कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जन समस्याओं के संबंध कई बार पत्राचार किया जा चुका है। पर कोई कारवाई किये जाने के बजाय औपाचारिकता के लिए कार्य किया जाता है।
ये भी आरोप लगाया गया है कि स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयन्ती आदि समारोह से संबंधित बैठकों में सभासदों को नजरअंदाज कर आमंत्रित नहीं किया जाता है। पालिका की शह पर हो रहे अवैध कार्यों के संबंध में की गयी शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। अधिकारियों द्वारा समाधान करने के बजाय तथ्यों को छुपाने की चेष्टा की जाती है। पालिका के कर अधीक्षक, कर निरीक्षक एवं लेखाकर का शहरी विकास विभाग ने स्थानान्तरण किया, लेकिन नैनीताल में उक्त पदों पर नई तैनाती नहीं की गयी है। जिससे पालिका के कार्यों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस्तीफा देने वालों में सभासद निर्मला चंद्रा, सुरेश चंद्र, सागर आर्य, मनोज जगाती, भगवत रावत, गजाला कमाल, दीपक बर्गली, सपना बिष्ट, कैलाश रौतेला, दया सुयाल, मोहन नेगी, प्रेमा अधिकारी, रेखा आर्य, नामित सभासद मनोज जोशी, तारा राणा, राहुल पुजारी शामिल हैं।

