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जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से 30 मौतें; वैष्णो देवी यात्रा स्थगित, स्कूल बंद

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी मंदिर के पास भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन में 30 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कुछ लोगों के घायल होने की भी आशंका है। भूस्खलन वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर स्थित अर्धकुमारी गुफा मंदिर में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ है।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा है कि ‘जय माता दी। भूस्खलन और लगातार बारिश के कारण क्षेत्र में रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। जानकारी के मुताबिक मृतकों में सात श्रद्धालु भी शामिल हैं। हालात को देखते हुए वैष्णो देवी यात्रा को स्थगित कर दिया गया है, जबकि राज्य भर में संचार, परिवहन और शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

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प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, डोडा जिले में चार लोगों की मृत्यु हुई है। इनमें दो लोग अपने मकान के ढहने से मलबे में दबकर मारे गए, जबकि दो अन्य अचानक आई बाढ़ में बह गए। रियासी जिले के अर्धक्वारी क्षेत्र में वैष्णो देवी मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास एक बड़ा भूस्खलन हुआ। इस दुर्घटना में सात श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। प्रशासन ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है और घायलों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि तीर्थयात्रा को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है। बोर्ड ने श्रद्धालुओं से मौजूदा खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा योजनाओं को पुनः निर्धारित करने की अपील की है। बारिश के कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर रामबन जिले में भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाओं के चलते आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है। डोडा और किश्तवाड़ के बीच NH-244 का एक हिस्सा बह जाने से यह मार्ग भी बंद हो गया है। वहीं, भारी बर्फबारी के कारण ज़ोजिला दर्रा बंद हो गया है, जिससे श्रीनगर-लेह मार्ग पर भी यातायात प्रभावित हुआ है। किश्तवाड़-सिंथन-अनंतनाग मार्ग, मुगल रोड और श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी मार्ग भी भूस्खलन की वजह से बंद कर दिए गए हैं।

कटरा को जोड़ने वाली कई ट्रेनें, जिनमें वंदे भारत एक्सप्रेस, श्री शक्ति एक्सप्रेस और हेमकुंट एक्सप्रेस शामिल हैं, रद्द कर दी गई हैं। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से स्टेशन अथवा आधिकारिक वेबसाइट पर स्थिति की पुष्टि करने की सलाह दी है। अधिकारियों ने बताया कि मिट्टी के कटाव और चक्की नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण पठानकोट कैंट और कंदरोरी के बीच डाउन लाइन पर यातायात बाधित होने से 18 ट्रेनें रद्द कर दी गईं।

भारतीय सेना और NDRF का राहत अभियान जारी
भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में मानवता सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान चला रही हैं। आरएस पुरा में विश्वविद्यालय में फंसे छात्रों और स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। कठुआ जिले में, हेलीकॉप्टरों की सहायता से रावी नदी के बढ़ते जल स्तर में फंसे ग्रामीणों को एयरलिफ्ट किया गया। मकौरा गांव में 70 से अधिक लोगों को नावों के ज़रिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और यातायात पुलिस ने नागरिकों से नदी किनारों से दूर रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। यातायात पुलिस विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को साफ किए जाने और मौसम में सुधार तक वाहनों की आवाजाही स्थगित रहेगी। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे ट्रैफिक पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्थिति की जानकारी लेते रहें।