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उत्तराखंड कैबिनेट में आए 52 प्रस्तावः 13 मार्च से गैरसैंण में होगा विधानसभा सत्र, आपदा प्रभावितों की नीति पर मुहर, देखें फैसले

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। कैबिनेट बैठक में 52 मामले आए। अगला विधानसभा का सत्र 13 से 18 मार्च के बीच गैरसैण भराड़ीसैण में होगा। कैबिनेट की बैठक में जोशीमठ क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों एवं व्यक्तियों की भूमि तथा भवनों के मुआवजे तथा स्थायी विस्थापन के सम्बन्ध में प्रस्तावित नीति पर भी मुहर लगाई गई।

देखें फैसले …
रेरा का ढांचा, 31 पद सृजित किये गए।
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल, 3000 वर्ग मीटर सरकारी भूमि, पुरकुल में खुलेगा।
आवास- मसूरी में पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस की जगह मल्टी स्टोरी पार्किंग बननी है। उसे 15 मीटर तक बनाने की शिथिलता दी गई।
ऋषिकेश एम्स की ब्रांच किच्छा के पास खुल रही है। इसकी बाउंडरी के चारों तरफ 1 किलोमीटर में मास्टर प्लान। तब तक निर्माण पर रोक।
सहसपुर के राजकीय। आईटीआई को लैब बनेगी।
बंदीरक्षक कारागार के नियुक्ति प्राधिकारी बदले।
खेल कूद- मुख्यमंत्री खेल विकास निधि- को देखने के लिए समिति बनाई गई। सीएम की अध्यक्षता में। छह सदस्यीय। सीएस, सचिव खेल भी सदस्य।
स्टार्टअप नीति 2023 को मंजूरी। सभी प्रदेशों की नीतियों को देखने के बाद ये बनाई गई है। इससे उत्तराखंड को लाभ मिलेगा। दिल्ली से यहां आकर स्टार्टअप काम करेंगे।

एमएसएमई – निजी क्षेत्र में औद्योगिक विकास को नीति। प्राइवेट डेवेलोपर निजी इंडस्ट्रियल एस्टेट बना सकेंगे। इन्वेस्टमेंट का 2% सरकार खर्च करेगी। सिडकुल के साथ एस्क्रो एकाउंट खुलेगा।
निवेशक पहाड़ में 2 एकड़ और मैदान में 30 एकड़ में इंडस्ट्रियल एस्टेट बना सकेगा।
सिविल कोर्ट परिसर खटीमा में अधिवक्ता चैंबर के लिए लीज पर जमीन 90 साल के लिए दी जाएगी।
सिंगल यूज प्लास्टिक120 माइक्रोन बैन हुआ था। भारत सरकार की नीति के हिसाब से बदलाव किए गए।
आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्रिंसिपल के रिटायरमेंट की अवधि 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई।
अब दो दुधारू पशु भी स्वीकार होंगे। सब्सिडी सामान्य वर्ग की 50%, एससी की 75%
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए 285 विशेष शिक्षकों के पद सृजित किए।
गृह विभाग- मुख्यालय पर लिपिकीय वर्ग का एकीकरण किया गया।

अर्थ एवं संख्या विभाग में अपर निदेशक का पद सृजित।
देहरादून में नियो मेट्रो- सभी विभाग 1 रुपये में 99 साल के लिए जमीन मेट्रो के लिए उपलब्ध कराएगा।
गन्ना विकास- खंडसारी नीति- खंडसारी मालिक को राहत। न चल पाने पर लेट फीस से राहत
परिवहन निगम 100 बसें खरीदेगा। इसके लिए 30 करोड़ लोन लिया जाएगा। जिसका ब्याज सरकार देगी।
रवाईं जौनपुर संस्कृति जन कल्याण समिति को जमीन।
एमएसएमई- केवल ऑनलाइन आवेदन होंगे।

कृषि- स्टेट मिलेट मिशन को स्वीकृति। मंडुआ को 73.16 करोड़ की कार्ययोजना से खरीदा जाएगा।
अब 35.16 रुपये प्रति किलो पर खरीदा जाएगा। राशन के साथ 1 किलो, उधमसिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून में दिया जाएगा। 1 रुपये पर दिया जाएगा।
मिड डे मील में भी 40 सप्ताह तक बच्चों को दिया जाएगा।
श्रम विभाग- 20 दिन में पंजीकरण न किया तो स्वतः माना जायेगा।
पर्यटन- फारेस्ट में पर्यटन को बढ़ावा देने को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इको टूरिज्म समिति बनाई गई। इसमें पर्यटन सचिव भी होंगे। पर्यटन संबंधी समस्याओं का भी समाधान करेगी।
ग्राम विकास विभाग- छोटे सेल्फ हेल्प ग्रुप के उत्पादों की मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय संस्था बनाने का निर्णय लिया गया है। ये देखेगी की बाजार में कोस तरह से उत्पाद बिक रहे।
हरिद्वार में पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम पीआरटी की डीपीआर बन गई। कैबिनेट ने औपचारिक अनुमोदन दे दिया है। इसके सफल होने के बाद अन्य शहरों में भी। 20.4 किलोमीटर के 4 रूट।

राजस्व विभाग– कम्प्यूटरीकरण के तहत नियमावली में संशोधन
एमएसएमई- उत्तराखंड में पैकेज की नीति। 200 करोड़ से ऊपर और 500 से ज्यादा रोजगार वालों को सरकार विशेष राहत देगी।
सितारगंज चीनी मिल को लीज पर देने के लिए- पेराई सत्र खत्म होने के बाद दे दी जाएगी।
35 से 37 करोड़ की बचत के साथ ही उद्योगपति 5 करोड़ 30 साल के लिए सरकार को देगा।
वीआरएस के बाद बचे हुए करीब 32 कर्मचारी समायोजित होंगे।
जिला खनिज न्यास में जमा होने वाली राशि 15% की जाए। भारत सरकार के निर्देश को औपचारिक अनुमोदन दिया।
पीएम पोषण योजना के तहत स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक सप्ताह में दो दिन मीठा दूध दिया जाएगा।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी पर बंद होने वाले उद्योगों को एमएसएमई पॉलिसी के साथ ही 10% अलग से टॉपअप दिया जाएगा। सभी को विकल्प देना होगा उत्पाद का।

जमीनों के सर्कल रेट, तीन साल बाद हुआ रिवीजन
कुछ क्षेत्रों में सर्कल रेट कम हुए लेकिन कई जगह पर बढ़ाई गई।
कोई आपत्ति आई तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति सुनेगी और सीएम को निर्णय लेने को अधिकृत किया गया। पहाड़ में 15% तक बढ़े। 57 हजार क्षेत्र में – 86% 49 हजार एरिया में 50% तक। 5% क्षेत्रों में 100 या इससे अधिक प्रतिशत की बढ़ोतरी।
वाहन खरीद पॉलिसी 2023। 2016 में नीति थी। अब संशोधित की गई है। 25 लाख की सबसे महंगी गाड़ी इवी 35 लाख।
सितारगंज में एक एक्वा पार्क बनेगा। इसमें मछली से जुड़ी हर गतिविधि होगी। राजस्व विभाग ने इसके लिए 41 एकड़ जमीन मत्स्य विभाग को दी।
आईटीआई में लेटेस्ट ट्रेंड के टीचर नहीं हैं। इसलिए डोमेन एक्सपर्ट को हायर किया जाएगा। बाजार की जरूरत के हिसाब से।
यूजेवीएनएल के वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा में रखने को मंजूरी नकल रोधी कानून को औपचारिक अनुमोदन। अब विधानसभा में आएगा।

लोक सेवा आयोग में अपर निजी सचिव की नियमावली में संशोधन
प्रांतीय रक्षक दल सेवा नियमावली में संशोधन। अब तक यूपी की थी। अब उत्तराखंड की बनाई गई। 55 व्यायाम प्रक्षिक्षक, 28 अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। उनकी फिटनेस भी देखी जाएगी
एसडीएम के पद बढ़े : उत्तराखंड में एसडीएम के पद बढ़े। 26 नए पद सृजित। नियमावली के हिसाब से आएंगे। अब 199 एसडीएम का कैडर हो जाएगा।

जोशीमठ आपदा-के लिए पुनर्वास नीति को तीन भाग में रखा
व्यावसायिक भवनों को लेकर 5 स्लैब बनाए गए, उसी हिसाब से सरकार देगी भूमि की मुआवजा।
दर अगली कैबिनेट में आएगी
अगर जमीन और घर प्रभवित तो पूरा मुआवजा
भूमि का मुआवजा लेने के साथ ही 75 वर्ग मीटर जमीन ले सकते हैं। अगर इससे ज्यादा जमीन है तो बाकी का मुआवजा
दुकान मालिक को 15 वर्ग मीटर, किरायेदार को 2 लाख और दुकान के लिए जमीन
पट्टेदार या अपनी जमीन न होने वालों को अपने बिजली और पानी के बिल देने होंगे। 2 जनवरी से पहले ईंट की बनी आवास 31000/ वर्ग मीटर (रुपये प्रति वर्ग मीटर)। आरसीसी 36000/वर्ग मीटर
कॉमर्शियल के लिए -ईंट का बना है तो 39000 आरसीसी के लिए 40000।
नैनी सैणी एयरपोर्ट को वायुसेना को दिया जाएगा। हमारी फ्लाइट भी चलेंगे। जैसे चंडीगढ़, प्रयागराज एयरपोर्ट है।
बीईसीआईएल को उत्तराखंड में काम करने को स्वीकृति दी गई है।

इन बिंदु पर सहमति

  1. सिंचाई विभाग के चैनल निर्माण में एचटीपीई पाइप लगाई जाएगी।
  2. नदियों के किनारे रहने वाले लोगों के पुनर्वास को नीति बनेगी
  3. हाई एल्टीट्यूड में साहसिक खेलों के लिए केंद्र खुलेगा
  4. प्रवारोहियो के लिए ऑनलाइन परमिशन
  5. उत्तराखंड की गुफाओं में पर्यटन को काम होगा।
  6. जीएमवीएन और केएमवीएन का विलय होगा। तीन माह का समय दिया गया। निगम की परिसंपत्तियों को चिन्हित करके उनसे राजस्व को नीति बनेगी
  7. कम्युनिटी रेडियो विकसित होंगे
  8. हर की पौड़ी का कॉरिडोर महाकाल उज्जैन की तरह विकसित होगा
  9. इंफ्रास्ट्रक्चर को ड्रोन से देखा जाएगा। 1 करोड़ से ऊपर लागत के लिए अनिवार्य
  10. पटाल बाजार अल्मोड़ा को नैनीताल के माल रोड की तरह विकसित किया जाएगा
  11. शहरों क्षेत्रों में पार्क, दुकान, सड़क को पहाड़ी शैली में विकसित किया जाएगा
  12. शहरों में कन्जेशन बढ़ाने वाले विभागों को बाहर किया जाएगा।
  13. जिला योजना में 3 लाख से कम का काम नहीं लिया जाएगा। इसकी गतिविधियों का कलेंडर बनेगा।
  14. सड़कों पर क्रश बैरियर बनेंगे। दो साल के भीतर
  15. चौबटिया रानीखेत के उद्यान को आयुष हब
  16. फारेस्ट विभाग से रोजगारपरक योजनाएं
  17. 2 पहिया एम्बुलेंस भी चलेंगी
  18. इंडो नेपाल गूंजी में नई उप तहसील बनेगी।

जोशीमठ क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों की भूमि तथा भवनों के मुआवजे तथा स्थायी विस्थापन के सम्बन्ध में प्रस्तावित नीति पर मंत्रिमण्डल की बैठक में अनुमोदन प्रदान किया गया है।
विभाग का नाम- आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग
जोशीमठ क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों की भूमि तथा भवनों के मुआवजे तथा स्थायी विस्थापन के सम्बन्ध में प्रस्तावित नीति पर अनुमोदन किया गया। इसमें-
मुआवजे के लिए दरों का निर्धारण
भूमि हेतु मुआवजे की दरः- तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आने के पश्चात भूमि के मुआवजे की दरों का निर्धारण किया जायेगा।

भवनों के लिए मुआवजे की दर –
(क) आवासीय भवनों हेतु दरें :- भवनों की लागत सीपीडब्ल्यूडी की प्लिंथ एरिया दरों में कोस्ट इंडेक्स लगाकर निकाली जायेगी। उक्तानुसार आने वाली भवन की लागत में से प्रभावित भवन के मूल्यह्रास (Depreciation) की धनराशि को घटाने के उपरान्त शेष धनराशि का मुआवजा दिया जायेगा।
(ख) दुकान तथा अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के निर्मित भवन के मुआवजे के निर्धारण हेतु 5 क्षति स्लैब निर्धारित किये गये है। निर्धारित क्षति स्लैब के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

(II) आपदा प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास हेतु विकल्प-
(क) आपदा प्रभावित आवासीय भू-भवन स्वामी निम्न विकल्प 1, 2 अथवा 3 में से एक विकल्प का चयन कर सकते हैं-
विकल्प-1
आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त आवासीय भवन का मुआवजा निर्धारित दर पर तथा भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।
विकल्प-2
आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये आवासीय भवन के निर्माण हेतु अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मी0 (50 मीटर भवन निर्माण हेतु तथा 25 मीटर गौशाला / अन्य कार्यों हेतु) तक की भूमि प्रदान की जा सकती है।
विकल्प-3
आपदा प्रभावित द्वारा अपनी भूमि एवं भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है। अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर राज्य सरकार द्वारा भवन निर्माण कर दिया जायेगा तथा 25 मीटर भूमि गौशाला / अन्य कार्यों हेतु उपलब्ध करायी जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

(ख) दुकान / अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के लिये निम्नलिखित विकल्प संख्या-4, 5 एवं 6 मे से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैं।
विकल्प-4- आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त व्यवसायिक भवन / दुकान का मुआवजा निर्धारित दर पर तथा भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर मुआवजा प्राप्त कर सकते है।
विकल्प-5
आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान हेतु भूमि की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 15 वर्ग मी0 तक की भूमि प्रदान की जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विकल्प-6
आपदा प्रभावित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वामी द्वारा निर्मित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की मांग की जाती है, तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्थल पर अधिकतम 15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण राज्य सरकार द्वारा करते हुये उपलब्ध करायी जायेगी।
(ग) किराये पर रहने वाले परिवारों / व्यक्तियों के रोजगार के लिये व्यवस्था
यदि जोशीमठ में कोई ऐसा व्यक्ति, जो कि एक वर्ष से अधिक समय से जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र में किराये पर दुकान लेकर कार्य कर रहा है एवं आपदा के कारण दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की भूमि एवं भवन दोनों असुरक्षित होने के कारण उसका रोजगार प्रभावित हुआ है, तो ऐसे व्यक्तियों को एक मुश्त रू0 2.00 लाख की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

(घ) Retrofitting क्षति के लिए व्यवस्था
तकनीकी संस्थानों द्वारा किये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षित भूमि पर स्थित भवनों की Retrofitting क्षति की तीव्रता के अनुसार सहायता राशि दिये जाने के सम्बन्ध में पृथक से निर्णय लिया जायेगा।
उक्त विकल्प संख्या 1 से 6 निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगें :-

  1. यदि किसी प्रभावित परिवार के पास भूमि / भवन के स्वामित्व के वैध अभिलेख उपलब्ध नहीं है तो ऐसे परिवारों को सरकारी विभागों द्वारा प्रदत्त विभिन्न देयक बिलों यथा-विद्युत बिल, जलकर, सीवर कर भवन कर आदि के साथ ही शपथ-पत्र के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जायेगा। उक्त देयकों के बिल दिनांक 02 जनवरी, 2023 से पूर्व के होने आवश्यक है।
  2. भूमि की राहत राशि के भुगतान से पूर्व यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि उनके द्वारा भूमि से सम्बन्धित समस्त देयतायें पूर्ण कर दी गई हो। सम्बन्धित विभागों के द्वारा इस सम्बन्ध में No Dues Certificate देने के उपरान्त ही सम्बन्धित प्रभावितों को राहत राशि का अन्तिम भुगतान किया जायेगा।
  3. प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों को स्वीकृत धनराशि सर्वेक्षण टीम के द्वारा किये सर्वेक्षण एवं मापन के आधार पर राहत सहायता वितरित की जायेगी।
  4. पुनर्वास पैकेज / राहत सहायता के भुगतान से पूर्व प्रभावित परिवारों को पूर्व में वितरित पैकेज की अग्रिम धनराशि रू0 1,00,000/- (एक लाख रूपये मात्र ) / गृह अनुदान (यदि कोई हो) का समायोजन कर लिया जाए।
  5. प्रभावित हुए भूमि / भवन / दुकान के स्वामी द्वारा चाहे गये विकल्प के अनुसार मुआवजा दिये जाने का कार्य तथा भूमि / आवास / दुकान आवंटन का कार्य उप जिलाधिकारी जोशीमठ की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
  6. मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है।
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