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डीजीपी पद से हट सकते हैं अभिनव कुमार, केंद्र ने इसलिए लौटाया नाम, इस नाम की हो रही चर्चा

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देहरादून। आईपीएस अभिनव कुमार जल्द ही उत्तराखंड डीजीपी पद से हट सकते हैं।उन्हें पिछले साल 30 नवंबर को उत्तराखंड का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। महज 50 साल की उम्र में ही उन्हें उत्तराखंड का डीजीपी बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। वह 1995 यूपी बैच के आईपीएस अफसर हैं। सरकार ने तीन सीनियर बैच के अफसरों के बावजूद उन्हें उत्तराखंड का डीजीपी बनाया था।

इसी बीच केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के डीजीपी चयन के लिए सरकार से वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के नाम मांगे थे। उस सूची में भी अभिनव कुमार का नाम टॉप पर बताया जा रहा था। इसी बीच अब खबर आ रही है कि अभिनव कुमार डीजीपी की रेस से बाहर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि डीपीसी बैठक में तीन नाम फाइनल कर यूपीएससी शासन को भेज भी चुका है। इसके बाद से अगले डीजीपी के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि इस बार सूची में दीपम सेठ का नाम भी है। दीपम सेठ पांच साल की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पूरी कर चुके हैं। फिलहाल उनका कार्यकाल बढ़ना है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है।

अभिनव कुमार 1995 बैच के आईपीएस हैं। यूपी कैडर होने के चलते आयोग ने उनके नाम पर असहमति व्यक्त की। उत्तराखंड कैडर के दीपम सेठ (1995 बैच), डॉ. पीवीके प्रसाद (1995 बैच) और अमित कुमार सिन्हा (1997 बैच) का नाम इस दौड़ में शामिल हैं। जल्द ही उत्तराखंड के नए डीजीपी की घोषणा हो जाएगी। दीपम सेट, अमित कुमार या फिर डॉ. पीवीके प्रसाद के डीजीपी बनने की संभावना अधिक हो गई है।

इसलिए नियुक्त किया था कार्यवाहक डीजीपी
पिछले साल 30 नवंबर को उत्तराखंड के 12वें कार्यकारी डीजीपी के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार की ताजपोशी हुई थी। यह उस शिथिलता के कारण हुआ, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी। इसी शिथिलता के कारण उन्हें उत्तराखंड का कार्यकारी डीजीपी नियुक्त किया गया था। ये भी माना जा रहा था कि जल्द ही उन्हें स्थाई डीजीपी नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन यूपी कैडर के कारण वह डीजीपी की रेस से बाहर हो गए हैं।