एडीएम ने किया गौरलचौड़ मैदान का निरीक्षण, समतलीकरण का कार्य कराया शुरू
चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा ने शुक्रवार को गौरलचौड़ मैदान का स्थलीय निरीक्षण कर मैदान की स्थिति का विस्तार से जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनकी सुविधाओं को प्राथमिकता देने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने मैदान के समलीकरण का कार्य भी शुरू करवाया।
निरीक्षण के दौरान मैदान में वर्षा जल भराव एवं गड्ढों की समस्या सामने आने पर अपर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से जेसीबी मशीन बुलाकर समतलीकरण कार्य प्रारंभ कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अभ्यास एवं खेल गतिविधियों में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि नियमित रूप से मैदान की देखरेख की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मैदान का उपयोग केवल खेल गतिविधियों तक सीमित रखने पर जोर देते हुए कहा कि मैदान में गाड़ी चलाना सीखने या अन्य गैर-खेल गतिविधियों को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गौरलचौड़ मैदान जिले की खेल प्रतिभाओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जिसे संरक्षित और सुरक्षित रखना प्रशासन की प्राथमिकता है।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि वर्षा काल के चलते मैदान में गड्ढे बन गए थे और पानी भर जाने के कारण खिलाड़ियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। फिलहाल तत्काल कार्यवाही कर स्थिति को सुधारने का प्रयास किया गया है। मौसम अनुकूल होते ही शेष कार्य कर मैदान को पूरी तरह समतल और खिलाड़ियों के लिए उपयोगी बनाया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मैदान के रख-रखाव के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए, जिसमें नियमित सफाई, घास की कटाई, जल निकासी व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी शामिल किया जाए। कहा कि जिला प्रशासन खेलों को बढ़ावा देने और युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने खिलाड़ियों से भी अपील की कि वे मैदान की देखभाल में सहयोग करें और अनुशासन बनाए रखते हुए खेल भावना को आगे बढ़ाएं। इस दौरान उप जिलाधिकारी अलकेश नौडियाल, जिला क्रीड़ा अधिकारी चंदन बिष्ट, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल, ईई आरडब्लू डी बृज मोहन आर्या, यूएसएडीए के अधिकारी टीसी पंत, प्रदीप बोहरा, विजय चौधरी आदि मौजूद रहे।
