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उत्तराखंड में लोकसभा के बाद निकाय चुनाव को लेकर चढ़ सियासी पारा, प्रत्याशी चयन को भाजपा कांग्रेस अपना रहे यह रणनीति

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देहरादून। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद अब प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस में निकाय चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी चयन को लेकर रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

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भाजपा के साथ ही कांग्रेस निकाय चुनाव को लेकर एक्शन मोड में आ गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सभी जिलाध्यक्षों को पत्र लिखकर संभावित आरक्षण के मुताबिक चार-चार प्रमुख नाम तय करने को कहा है। कांग्रेस का आंकलन है कि आरक्षण घोषित होने के बाद चुनाव के लिए बहुत कम समय मिलेगा। ऐसे में पार्टी संभावित दावेदारों का पैनल तैयार रखना चाहती है, ताकि नामांकन के दौरान किसी तरह की हड़बड़ी न रहे। जिलाध्यक्षों को पैनल पर सभी पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने को कहा गया है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने रविवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए नियुक्त कोऑर्डिनेटर के जरिए ही कांग्रेस निकाय चुनाव अभियान को आगे बढ़ाएगी। इसी क्रम में निकायवार प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं। चुनाव पर सरकार की ओर सेस्थिति स्पष्ट किए जानेके साथ ही प्रभारी निकायों में जाकर पैनल को अंतिम रूप देंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के अभियान के दौरान पार्टी का जमीनी संगठन पूरी तरह सक्रिय रहा, कांग्रेस को इसका लाभ निकाय चुनावों में भी मिलेगा।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रविवार को प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि हर निकाय में प्रत्याशियों का पैनल बनाने को जल्द प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे।, जो जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष व संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा के बाद दो से तीन नाम प्रदेश नेतृत्व को भेजेंगे। पैनल पर प्रदेश संसदीय समिति विचार करेगी और उसके आधार पर उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। भट्ट ने कहा कि भाजपा निकाय चुनावों लिए पूरी तरह तैयार है। संगठन स्तर पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर रणनीतियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भट्ट ने बताया-पार्टी की प्राथमिकता फिलहाल ज्यादा से ज्यादा वोटरों को निकाय की मतदाता सूची में जोड़ने की है। इसकी जिम्मेदारी पार्टी के स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ को दी गई है।

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