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AI वीडियो पर छलका हरीश रावत का दर्द, प्रेस कॉन्फ्रेंस में निकले आंसू, दर्ज कराया मुकदमा

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हरीश रावत 26 जनवरी के बाद निकालेंगे न्याय यात्रा, जनता से कहा- अगर मैं देशद्रोही तो पत्थर मारना, नहीं दो दोषियों को दो सजा

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एआई वीडियो ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। एआई जनरेटेड वीडियो को लेकर हरीश रावत बेहद आहत हैं। एक के बाद एक आए एआई जनरेटेड वीडियो से नाराज होकर हरीश रावत आज अपने समर्थकों के साथ नेहरू कॉलोनी थाने पहुंचे और दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर विरोधी पार्टी पर उनकी छवि धूमिल किए जाने का आरोप लगाते हुए थाना अध्यक्ष को एक शिकायती पत्र सौंपा है। उन्हें पुलिस की ओर से शिकायती पत्र की रिसीविंग भी प्राप्त हुई है।

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उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं, लेकिन विरोधी पार्टी उत्तराखंड भाजपा उनकी छवि को धूमिल किए जाने के उद्देश्य से एआई जनरेटेड वीडियो को अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर शब्द और चित्र प्रचारित और प्रसारित कर रही है। वीडियो के वजह से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके उनकी आस्था पर प्रहार बताया है। हरीश रावत का कहना है कि अब पूरी दुनिया और देश इस सत्य से भली-भांति परिचित है कि भाजपा की राजनीति झूठ, फरेब और प्रपंच की बदौलत चल रही है।

भाजपा देश के कानून को अपने हित में तोड़ मरोड़ कर लाने की राजनीति कर रही है। भाजपा के इसी झूठ और प्रपंच की वजह से उत्तराखंड में कांग्रेस को 2017 में नुकसान उठाना पड़ा। जब इन्होंने शुक्रवार को जुमे की नमाज की छुट्टी का झूठ परोसा, लेकिन भाजपा छुट्टी का कोई गजट नोटिफिकेशन आज तक नहीं दिखा पाई है। साल 2022 में एक बार फिर से भाजपा ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का झूठ बोला। अब एक बार फिर एआई का सहारा लेकर फिर से उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है।

हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने न्याय यात्रा निकालकर मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का प्रमाण भी मांगा, लेकिन आज तक भाजपा यह प्रमाण भी नहीं दिखा पाई। प्रधानमंत्री दुनिया के मंचों से यह कहते हैं कि एआई का दुरुपयोग वैश्विक अपराध है और इससे सबको सावधान रहने की जरूरत है, लेकिन उत्तराखंड में उन्हीं की पार्टी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सारा लेकर उनपर लक्ष्य निर्धारित करके बदनाम कर रही है। उससे भी बड़ी प्रकाष्ठा यह है कि उनको एआई के माध्यम से पाकिस्तान जासूस बताया जा रहा है।

देशद्रोही जैसी गाली सुनने से पहले वह मरना बेहतर समझेंगे। उन्होंने भावुक होकर कहा की वह इससे इतने आहत हैं कि अपने आक्रोश को पी रहे हैं। 59 साल के राजनीतिक जीवन में इतना बड़ा कलंक उनके ऊपर लगाया गया है। इसलिए उन्हें आज न्याय की शरण में आकर मुकदमा दर्ज करना पड़ा है। भारतीय दंड संहिता, साइबर क्राइम और लोक प्रतिनिधित्व एक्ट के तहत उनकी इस तरह से छवि धूमिल किए जाने का अपराध बनता है। इस दौरान इंडिया गठबंधन के नेता भी हरीश रावत के समर्थन में थाने पहुंचे।