ऑलवैदर रोड : चम्पावत में टनल के जरिये बनेगा 10 किमी बाईपासए डीपीआर को केंद्र सरकार से मिली मंजूरी


चम्पावत। वर्तमान में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा में हुआ टनल हादसा खासा चर्चाओं में है। इसी बीच चम्पावत जिला भी एक टनल को लेकर चर्चा में आ गया है। कहा जा रहा है कि टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑलवैदर रोड के मध्य में पडऩे वाले चम्पावत नगर में बाईपास निर्माण संबंधी एक और बाधा पार हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लोहाघाट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को राष्ट्रीय रााजमार्ग प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि अब पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर चम्पावत में सुरंग (टनल) के जरिये बाईपास का निर्माण किया जाएगा। एनएच के ईई सुनील कुमार ने बताया है कि चम्पावत में 2.85 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बाईपास की डीपीआर को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। करीब 10 किमी लंबाई के प्रस्तावित बाईपास के निर्माण से मुख्यालय के सैकड़ों भवन स्वामियों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बनी उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने तीन वर्ष पहले प्रस्तावित बाईपास के निर्माण में पर्यावरणीय क्षति को कम करने के निर्देश दिए थे।

लोहाघाट और पिथौरागढ़ में बाईपास निर्माण के लिए होगा सर्वे
चम्पावत। जिला मुख्यालय के साथ ही लोहाघाट और पिथौरागढ़ नगर के लिए भी अच्छी खबर है। जल्द ही लोहाघाट और पिथौरागढ़ नगर में भी भूमिगत बाईपास निर्माण के लिए सर्वे किया जाएगा। इससे पूर्व एनएच की ओर से पांच बार निविदाएं आमंत्रित करने के बावजूद कोई भी कंसल्टेंसी एजेंसी लोहाघाट और पिथौरागढ़ नगर में बाईपास के सर्वे के लिए आगे नहीं आई। राजमार्ग प्राधिकरण ने एक बार फिर दोनों स्थानों पर बाईपास सर्वे के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है।
जल्द ही वन अधिनियम संबंधी आपत्तियों के निस्तारण के बाद चम्पावत बाईपास का निर्माण शुरू किया जाएगा। पिथौरागढ़ और लोहाघाट में टनल के जरिये बाईपास सर्वे के लिए चार बार टेंडर आमंत्रित किए जाने के बाद भी कोई संस्था नहीं मिल पाई थी। अब पांचवीं बार में सर्वे के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सुनील कुमार, ईई, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड, लोहाघाट
