अल्मोड़ा

अल्मोड़ा : एसएसजे के योग विज्ञान विभाग में ‘योग और भारतीय संस्कृति की भूमिका’ विषय पर हुई गोष्ठी

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अल्मोड़ा। एसएसजे परिसर के योग विज्ञान विभाग में योग और भारतीय संस्कृति की भूमिका विषय पर दो दिवसीय गोष्ठी का शुभारंभ हुआ। गोष्ठी में भारत के अलावा टर्की, अमेरिका, अफ्रीका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया के योग प्रतिनिधियों, योग साधकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों ने भाग लिया। वक्ताओं ने कहा कि योग भारत की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है। सभी को मिलकर इसे आगे ले जाना होगा।

रविवार को गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. ईश्वर भारद्वाज, प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट, प्रो. सोमवीर आर्या, प्रो. सुरेंद्र त्यागी, प्रो. विनोद नौटियाल, संयोजक डॉ. नवीन भट्ट ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। अधिष्ठाता प्रशासन प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का योग विज्ञान विभाग प्राचीन भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर आगे ले जाने का कार्य कर रहा है। अमेरिका से पहुंचे प्रो. सोमवीर आर्या ने कहा कि योग को जन-जन तक पहुंचाना होगा।

प्रो. सुरेंद्र त्यागी ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आना जरूरी है। लोगों को दैनिक जीवन में योग को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम, संयोजक डॉ. नवीन भट्ट ने कहा कि अल्मोड़ा स्वामी विवेकानंद की भूमि है। उन्होंने वैदिक ज्ञान और भारत की, संस्कृति को लेकर सपने देखे थे। योग विज्ञान विभाग उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि गोष्ठी में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के 170 शोध पत्र पढ़े जाएंगे। इस मौके पर प्रो. सरस्वती काला, प्रो. अर्पिता चटर्जी, रजनीश जोशी, प्रो. आराधना शुक्ला, डॉ. रजनी नौटियाल, डॉ. भानुप्रकाश जोशी, डॉ. घनश्याम ठाकुर, प्रो. एसए हामिद, प्रो. प्रतिमा वशिष्ठ, प्रो. रिजवान सिद्दीकी, डॉ. सबीहा नाज आदि थे।

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