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बाराकोट के धरगड़ा के पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दिखा गुलदार, जानें कैसे बचाई जान

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क्षेत्र के अन्य गांवों में भी लगातार दिखाई दे रहा गुलदार, धूनाघाट क्षेत्र में दिनदहाड़े गाय और बकरी को मारा, सुंई पऊ गांव में कुत्ते पर किया हमला

चम्पावत। बाराकोट के धरगड़ा, च्यूरानी, पुनई और मिर्तोली क्षेत्र में गुलदार की दहशत बनी हुई है। दो दिन से गुलदार के हमले की सूचना नहीं है, लेकिन शाम होते ही आबादी वाले क्षेत्रों में गुलदार के गुर्राने और देखे जाने की घटनाएं अक्सर सामने आ रही हैं। कल सुबह धरगड़ा के पास विद्यालय जा रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास्ते में गुलदार बैठा दिखा, जिसके बाद उन्होंने उलटे पांव घर की ओर दौड़ जान बचाई। अन्य गांवों में गुलदार पालतु कुत्तों और मवेशियों पर हमलावर है।

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बाराकोट क्षेत्र के विभिन्न गांवों में गुलदार लगातार दिखाई दे रहा है। शनिवार सुबह दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्कूल जा रही थीं, लेकिन बीच रास्ते में गुलदार दिखाई देने से उनके पांवों की जमीन खिसक गई। दोनों शोर मचाते हुए घर को भाग आईं। उन्होंने वन विभाग से गुलदार के आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में लगातार गश्त जारी रखने की मांग की है। लोहाघाट के ग्राम सभा सुंई खैसकांडे निवासी दिनेश चंद्र चौबे ने बताया है कि शुक्रवार रात करीब 1:30 बजे शिव मंदिर के पास गुलदार गीदड़ों के झुंड का पीछा करता हुआ दिखा। बताया कि भगवती नौले के पास शाम चार बजे के आसपास भी गुलदार की आमद हो रही है। सुई पऊ के शिमला तोक निवासी प्रकाश चंद्र ने बताया कि शुक्रवार शाम घर के आंगन में बैठे कुत्ते पर गुलदार ने झपट्टा मार दिया। ग्रामीणों के शोर मचाने पर गुलदार भाग निकला, लेकिन इससे परिवार में दहशत फैल गई। उप प्रभागीय वनाधिकारी सुनील कुमार का कहना है कि बाराकोट के गुलदार के आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है। उन्होंने लोगों से सुबह-शाम सावधानी बरतने की अपील की है।

इधर शुक्रवार को खर्क क्षेत्र के धूनाघाट कमलेख के मेल्टा तोक निवासी सुंदर सिंह बोहरा के घर के आंगन में बांधी गाय और बकरी को गुलदार ने दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया। जिला पंचायत सदस्य अशोक माहरा, ग्रामीण आशा देवी, देवकी देवी, दीपा देवी, हेमंती, कलावती, सीमा देवी ने वन विभाग से क्षेत्र में गश्त करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।