दिल्ली में BS4 डीजल बसों पर प्रतिबंध : उत्तराखंड की 194 बसें नहीं कर पा रही दिल्ली में एंट्री, शाॅर्ट टर्म एक्शन प्लान पर होगा काम
देहरादून। दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बीएस 4 और डीजल बसों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। जिसके चलते उत्तराखंड परिवहन निगम की 194 बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पा रही हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिए।
दरअसल, उत्तराखंड परिवहन निगम की पुराने मॉडल की डीजल बसों पर दिल्ली पर लगी रोक से यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही है। बड़ी संख्या में दिल्ली जाने वाली बसों का संचालन न हो पाने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाने, विशेषकर वीकेंड पर बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही सीएस ने इसके लिए यूपी से भी समन्वय बनाने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव परिवहन को 175 बसों के खरीद संबंधित प्रस्ताव पर जल्द से जल्द फैसला लेने के लिए उचित स्तर पर बातचीत करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने निर्देश दिए हैं कि जिन 100 सीएनजी बसों की खरीद की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 30 बसें प्राप्त हो चुकी हैं, उनका संचालन भी जल्द शुरू किया जाए। यात्रियों को फिलहाल राहत देने के लिए यूटीसी की बसों का संचालन गाजियाबाद में मोहन नगर के साथ ही कौशाम्बी तक करने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग से बात करने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरा करने वाली बसें सीधा दिल्ली में प्रवेश करेंगी। साथ ही सामान्य बसें दिल्ली सीमा मोहन नगर व कौशाम्बी तक जा सकेंगी।
बैठक के दौरान उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण पुराने मॉडल की डीजल बसों पर लगी रोक से पहले रोडवेज की दिल्ली रूट पर 504 सेवाएं प्रतिदिन संचालित होती थीं, लेकिन अभी प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरे करने वाली 310 बसें संचालित हो रही हैं, जबकि 194 बसों पर रोक लग गई है। इस रोक से पहले रोडवेज की बसों का लोड फैक्टर करीब 40 फीसदी था जो अभी बस सेवाओं की फ्रीक्वेंसी बढ़ने से लोड फैक्टर 90 से 100 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की विशेष असुविधा नहीं हो रही है।