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शारदा नदी में राफ्टिंग पर रोक से स्वरोजगार को लगा झटका, एसएसबी ने लगाई है रोक

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भारत-नेपाल सीमा पर स्थित शारदा (नेपाल में काली नदी) नदी में होने वाली राफ्टिंग पर एकाएक लगी रोक ने साहसिक पर्यटन को रोजगार बनाने वाले युवाओं को तगड़ा झटका दिया है। शुक्रवार दोपहर बाद की साभी बुकिंग निरस्त कर दी गई हैं। रविवार तक तीन दिन में ही तीन लाख रुपये से अधिक के कारोबार को चपत लगेगी। इससे सितंबर में प्रस्तावित राष्ट्रीय राफ्टिंग प्रतियोगिता पर भी तलवार लटकने का अंदेशा पैदा हो गया है। राफ्टिंग व्यवसाय से जुड़े कुछ लोगों ने शुक्रवार को रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट से मुलाकात कर हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।

सीमा पर स्थित शारदा नदी पर चरण मंदिर के पास से बूम तक के 11 किलोमीटर क्षेत्र में लंबे समय से राफ्टिंग हो रही थी। इससे क्षेत्र के 50 परिवार प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से जुड़े हुए थे, लेकिन मुख्यालय के आदेश के बाद एसएसबी ने शुक्रवार दोपहर से राफ्टिंग पर रोक लगा दी। शुक्रवार से रविवार तक तीन दिन तक लगातार अवकाश होने से काफी संख्या में सैलानियों ने पूर्णागिरि देवी दर्शन के साथ ही राफ्टिंग का भी आनंद उठाने के लिए 37 बुकिंग की थी। लेकिन रोक के बाद अब ये सारी बुकिंग निरस्त कर दी गई।

स्वरोजगार से पहले साढ़े छह लाख का निवेश
युवाओं को स्वरोजगार देने वाली राफ्टिंग में पहली बार साढ़े छह लाख रुपये से अधिक निवेश करना पड़ता है। लंबे समय से राफ्टिंग कराने वाले राजेंद्र गड़कोटी बताते हैं कि राफ्ट की कीमत ही साढ़े चार लाख रुपये है। इसके अलावा लाइफ जैकेट, हेलमेट, पैडल आदि में मिलकार ये राशि छह लाख तक पहुंचती है। गाइड का लाइसेंस, बीमा, परमिट और नदी पर राफ्ट के लिए कर आदि देना होता है। राफ्टिंग करने वाले सभी लोगों का परिचय पत्र भी जमा कराना होता है।

कहीं अमृतपाल कनेक्शन तो नहीं…
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की नेपाल से लगी सीमा के आसपास होने की सुगबुगाहट के बाद से सीमा पर सजगता बढ़ाई गई है। सूत्र बता रहे कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शारदा नदी में राफ्टिंग पर एकाएक प्रतिबंध का अमृतपाल कनेक्शन भी हो सकता है, लेकिन एसएसबी और अन्य सरकारी एजेंसियां इससे इनकार कर रही हैं।

राफ्टिंग पर लगी रोक से उनका काम ही प्रभावित नहीं हुआ, बल्कि सैलानियों की राफ्टिंग का लुत्फ उठाने का सपना भी टूटा है। सैलानियों के नौ दल बुकिंग के बाद भी राफ्टिंग का आनंद नहीं उठा सके।
विनय अरोड़ा उर्फ मौनी बाबा

छुट्टी के तीन दिन राफ्टिंग बंद होने से तो झटका लगा ही है, शारदा नदी में राफ्टिंग पर प्रतिबंध साहसिक पर्यटन पर बुरा असर डालेगा। इसका जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए।
राजेंद्र गड़कोटी

कोट कुछ महीने पूर्व जौलजीबी से काली नदी में हुई राफ्टिंग पर नेपाल ने एतराज जताया था। नेपाल का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के बावजूद नदी में होने वाली गतिविधियों की उन्हें जानकारी नहीं दी गई। नेपाल के इस एतराज के बाद एसएसबी ने मुख्यालय से दिशा निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। मुख्यालय के निर्देशों के बाद ही राफ्टिंग को लेकर आगे कदम उठाए जाएंगे।
प्रमोद देवरानी, कमांडेंट, पंचम वाहिनी, एसएसबी, चम्पावत

शारदा नदी में राफ्टिंग पर एसएसबी की ओर से लगाई गई रोक के मामले की जानकारी शासन को दे दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का समाधान हो जाएगा।
अरविंद गौड़, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, चम्पावत

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