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टनकपुर-चम्पावत एनएच पर रात में वाहनों की आवाजाही पर रोक बरकरार, सुबह के वक्त दो घंटे की मिल सकती है राहत

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चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर रात में वाहनों की आवाजाही पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया जाएगा। हालांकि वाहनों की आवाजाही के समय को सुबह दो घंटे बढ़ाने की संस्तुति की गई है। रात में वाहन संचालन के लिए टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति ने रिपोर्ट में यह सुझाव दिया है। यह रिपोर्ट मंगलवार को डीएम को सौंप दी गई।

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टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पर निर्माणाधीन आल वैदर रोड पर वाहनों की रात की आवाजाही पर पहले की तरह ही रोक रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि आवाजाही गर्मियों में टनकपुर से शाम सात बजे से सुबह चार बजे तक रोकी जाएगी। अभी वाहनों की आवाजाही का समय शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक प्रतिबंधित है। इस अवधि में सिर्फ आपात और स्वास्थ्य सेवाओं को ही छूट मिलती है, लेकिन 15 जून से शुरू होने वाली बरसात से पहले फिर से प्रतिबंध के समय की समीक्षा करने का भी सुझाव दिया गया है। एसडीएम ने यह रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। तीन सदस्यीय टीम के दो अन्य सदस्य सीओ अविनाश वर्मा और एआरटीओ सुरेंद्र कुमार थे।





गौरतलब है कि वर्ष 2002 से इस मार्ग पर आवाजाही प्रतिबंधित थी। पिछले साल 20 फरवरी को हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सांसद अजय टम्टा के निर्देश के बाद 25 फरवरी से जून तक आवाजाही पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था, लेकिन पिछले साल की बरसात से फिर से रात में यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया।

रात के हादसे की अक्सर देर से मिलती है जानकारी
चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस्तिया के पास 12 मई की रात एक कार खाई में गिर गई थी। हादसे में कार में अकेले सवार युवक की मौत हो गई थी, लेकिन इस दुर्घटना की जानकारी एक दिन बाद पुलिस को मिली। अगर वक्त पर हादसे की जानकारी मिलती तो शायद युवक की जान बच जाती। ऐसे ही रात में होने वाले कई अन्य हादसों की समय पर सूचना न मिलने से राहत और बचाव कार्य में देरी से मौतें होती रही हैं। ऐसी घटनाओं को देखते हुए टीम ने रात में वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित की है।




टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के काफी बड़े हिस्से में मोबाइल नेटवर्किंग नहीं है। इस वजह से सड़क दुर्घटना होने पर सूचना मिलने में देरी हो जाती है। आवाजाही पर रोक के निर्णय में चल्थी पुल के निर्माणाधीन होने के साथ पिछले साल अक्तूबर में सड़क के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने सहित अन्य कई परिस्थितियों को मद्देनजर रखा गया है।
हिमांशु कफल्टिया, एसडीएम, टनकपुर

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