बनबसा : भारत-नेपाल हाईवे निर्माण के दौरान महिला का मकान तोड़ा, ग्रामीणों ने मजदूरों को खदेड़ा
बनबसा। भारत-नेपाल हाईवे निर्माण के दौरान कार्यदायी संस्था द्वारा देवकी देवी के मकान को बिना मुआवजे दिए तोड़े जाने का ग्रामीणों ने विरोध कर मजदूरों को खदेड़ दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल के चांदनी में बन रहे ड्राई पोर्ट को जोड़ने के लिए बनबसा से लगभग 3:30 कि मी हाईवे सड़क का निर्माण भारत द्वारा कराया जा रहा है। बनबसा जगबूढ़ा पुल से ग्राम ग्राम पचपकरिया, देवीपुरा, गुदमी आदि ग्राम सभाओं से होते हुए यह हाईवे बन रहा है। हाईवे के निर्माण में ग्राम गुदमी निवासी देवकी देवी पत्नी नित्यानंद का मकान भी आ रहा है। सोमवार को कार्यदायी संस्था की टीम द्वारा महिला के मकान के आसपास लगे पेड़ों को हटाने के बाद मकान को भी तोड़ने की कार्रवाई की जा रही थी। इस पर देवकी देवी और ग्रामीणों के विरोध के कारण हाईवे निर्माण टीम को वापस जाना पड़ा। बिना मुआवजा दिए कार्यदायी संस्था द्वारा ग्रामीण का मकान तोड़े जाने को लेकर ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों द्वारा ग्राम प्रधान दीपक प्रकाश चंद की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से पीड़ित ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि जब तक कार्यदायी संस्था द्वारा उचित मुआवजा नहीं दिया जायेगा तो किसी भी ग्रामीण के मकान को नहीं तोड़ने दिए जाएगा। साथ ही बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पीड़ित परिवारों को अगर 11 मार्च तक मुआवजा नहीं दिया गया तो 12 मार्च से ग्रामीणों द्वारा टनकपुर तहसील में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। ग्राम प्रधान दीपक प्रकाश चंद ने बताया कि ग्राम पचपकरिया से लेकर गुदमी तक हाईवे निर्माण की जद में कच्चे पक्के 16 मकान आ रहे हैं, जिनका मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है। बैठक में पंचायत प्रतिनिधि विनोद भारती, शिव सांस्कृतिक युवा मंच अध्यक्ष सुरेश उप्रेती, शेखर जोशी, केसर सिंह खोलिया, हीरा चंद, कल्याण चंद, नंदा बल्लभ, राधा चंद, निर्मला देवी दुर्गा दत्त, अभी जोशी, ईश्वरी देवी, रामादेवी, अनीता देवी, विमला देवी, कमला देवी, कलावती देवी, शांति देवी, पुष्पा देवी हाथी सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।