उत्तराखंड में यहां होगी ‘बंदर भगाओ जन अभियान समिति’ की गर्जना रैली
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में काश्तकार बंदरों द्वारा खेती किसानी को पहुंचाए जा रहे नुकसान से खासे परेशान हैं। बागेश्वर जनपद में तो किसानों ने बंदर भगाओ जन अभियान समिति का भी गठन कर लिया है। अब वे 10 फरवरी को गर्जना रैली निकालने जा रहे हैं। बागेश्वर जिले के गरुण क्षेत्र के काश्तकार बंदर भगाओ खेती बचाओ जन अभियान समिति के बैनर तले 10 फरवरी को भकुनखोला मैदान में गर्जना रैली करेगी। इसे सफल बनाने के लिए चार समितियों का गठन भी किया गया है। जन अभियान समिति के संरक्षक एडवोकेट डीके जोशी के नेतृत्व में एक टीम ने तिलसारी, नरग्वाड़ी, मटे, चौरसों आदि गांवों जनसंपर्क किया। दूसरी टीम के रवि शंकर बिष्ट, कृपाल दत्त लोहनी, भोला पांडे, नंदाबल्लभ पंत ने खडेरिया, जैसर, सिमार, ढिकुरा आदि गांवों में जनसंपर्क किया।
रानीखेत में दो माह में 70 लोग बंदर के हमले में घायल
रानीखेत। नगर में बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। एक तरफ बंदर राह चलते लोगों पर हमला करने लगे हैं तो वहीं ये खेती व बागवानी को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है। उप जिला अस्पताल में पिछले दो माह में 70 लोग बंदरों के काटने पर इलाज के लिए पहुंचे। नगर के गनियाद्योली, ताड़ीखेत, चिलियानौला सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों का आतंक बना हुआ है। वह लोगों के घरों में घुसने के साथ ही राह चलते लोगों के हाथों से सामान छीन रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं। रेंजर तापश मिश्रा का कहना है कि विभाग की ओर से लगातार बंदरों को पकड़ने का कार्य किया जा रहा है। अल्मोड़ा रेस्क्यू सेंटर छोड़ा जा रहा है। वहीं उप जिला चिकित्सालय रानीखेत के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.संदीप दीक्षित ने बताया है कि पिछले 2 माह में बंदरों ने लगभग 70 लोगों को घायल किया है। अस्पताल में उन्हें रेबीज़ का इंजेक्शन लगाया गया है।