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Big breaking :-अंकिता हत्याकांड के तीनो आरोपियों कों सजा तीनो आरोपियों कों आजीवन कारावास की सुनाई गई सजा

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पौड़ी गढ़वाल। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। कोटद्वार की ADJ (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) कोर्ट ने आज तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को दोषी करार दिया है। तीनों को दोषी करार देने के बाद कोर्ट ने उन्हें सजा भी सुना दी है।

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अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य दोषी पुलकित आर्या को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। सह-आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया है। पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश कोर्ट ने दिया है।

कोर्ट ने सुनाई ये सजा: आज दिनांक 30 /5 /25 को मुकदमा अपराध संख्या 1/22 धारा 302 /201/ 354 ए आईपीसी व 3(1)d अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम बनाम पुलकित आर्या आदि (अंकिता भंडारी मर्डर केस) में न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार द्वारा

— अभियुक्त पुलकित आर्य को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास व 50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास 10,000 रुपए जुर्माना, धारा 354 ए आईपीसी में 2 वर्ष का कठोर कारावास 10,000 जुर्माना व धारा 3(1)d आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व 2000 जुर्माना की सजा सुनाई है।

— अभियुक्त सौरभ भास्कर व अभियुक्त अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में आजीवन कठोर कारावास व 50,000 रुपए जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास व ₹10,000 जुर्माना व 3(1)d आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व 2000 जुर्माना की सजा सुनाई है। 4 लाख प्रतिकर मृतक के परिजनों को देना है। गौरतलब है कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्या को आज टिहरी जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच कोटद्वार लाया गया। कोर्ट परिसर और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो। पौड़ी गढ़वाल के एसएसपी लोकेश्वर सिंह खुद सुरक्षा पर नजर रखे हुए थे।

ये है मामले की पृष्ठभूमि…

अंकिता भंडारी की हत्या सितंबर 2022 में हुई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। वह पुलकित आर्या के रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थी। अंकिता भंडारी पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का दबाव बनाए जाने के आरोप लगे थे। विरोध करने पर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस केस को लेकर पूरे उत्तराखंड सहित देशभर की जनता की निगाहें आज के फैसले पर टिकी थीं। कोर्ट के इस निर्णय से अंकिता के परिजनों और समाज को राहत मिली है। हालांकि अंकिता भंडारी के माता-पिता बेटी के हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे थे।

पुलकित आर्या के रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता…

अंकिता भंडारी अपने गृह जनपद पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। 19 वर्षीया अंकिता की 18 सितंबर 2022 को रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्या ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या कर दी थी। 23 सितंबर को इन तीनों को गिरफ्तार किया गया था। 24 सितंबर को इन तीनों की निशानदेही पर ऋषिकेश की चीला नहर से अंकिता भंडारी का शव बरामद हुआ था।

पुलकित आर्या था मुख्य आरोपी…

अंकिता भंडारी हत्याकांड में यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्या मुख्य आरोपी था। इस मामले में पुलकित आर्या और उसके दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। अंकिता भंडारी हत्याकांड के खुलासे के लिए डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।

फैसले की डेटलाइन: पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी 2023 को अंकिता भंडारी हत्या मामले की पहली सुनवाई हुई थी। इसके बाद पक्ष और विपक्ष की ओर से दलीलों का 2 साल 8 महीने तक लंबा दौर चला। आज शुक्रवार 30 मई 2025 को कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने पहले तीनों आरोपियों को दोषी पाने का फैसला सुनाया। दोषी पाने का फैसला सुनाने के कुछ समय बाद ही अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य दोषी पुलकित आर्या और उसके दो कर्मचारियों और सहयोगियों अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को आजीवन कारावास की सजा सुना दी।

अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद सरकार ने क्या किया…

  • अंकिता भंडारी की हत्या के बाद आरोपियों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा गया
  • अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के लिए SIT का गठन किया
  • अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम में भी केस दर्ज हुआ
  • धामी सरकार द्वारा अंकिता भंडारी के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक मदद दी गई
  • अंकिता भंडारी हत्याकांड में 500 पन्नों की चार्जशीट बनी. 97 गवाहों के बयान लिए गए
  • कोर्ट में 47 मुख्य गवाहों को पेश किया गया
  • अंकिता के परिजनों की मांग पर 3 बार बदले गए सरकारी वकील
  • दिवंगत अंकिता भंडारी के भाई या पिता को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई
  • कोर्ट में सरकारी वकील द्वारा की गई मजबूत पैरवी की वजह से आरोपियों द्वारा दी गई जमानत अर्जी हर बार हुई खारिज
  • 30 मई 2025 को कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई
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