राष्ट्रीय राजमार्ग में 92 जगह पहाड़ों पर लटके हैं बोल्डर, बरसाती मौसम में कभी भी बन सकते हैं जानलेवा
चिन्हित किए गए स्थानों को कंसलटेंट एजेंसी टीएचडीसी के लाया गया संज्ञान में, सुरक्षित यातायात के लिए एनएच विभाग की ओर से बरती जा रही है विशेष सतर्कता

चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में 92 ऐसे स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जहां सड़क को चौड़ा करने के बाद पहाड़ी में बोल्डर लटके हुए हैं। यह बोल्डर बरसाती मौसम में कभी भी जानलेवा बन सकते हैं। इन स्थानों के बारे में राष्ट्रीय राजमार्ग की कंसलटेंट एजेंसी टीएचडीसी के संज्ञान में लाया गया। इसी खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा रात्रि में यहां वाहनों की आवाजाही बंद की गई है।

चम्पावत टनकपुर के बीच स्वाला में अति संवेदनशील ज़ोन को लगभग 70 फ़ीसदी नियंत्रित कर लिया गया है। शेष कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। एनएच के प्रभारी अधिशासी अभियंता डीएस जरमाल के अनुसार इस वर्ष अभी तक राजमार्ग में लगातार यातायात सुचारू चल रहा है। यह बात अलग है कि स्वाला के संवेदनशील जोन में कार्य के चलते अधिक से अधिक आधे घंटे तक वाहनों को रोकने की नौबत आ रही है। राजमार्ग के ऊपरी ढाल में अब गुच्छी घास लगाने का प्रयास किया जाएगा। जिससे तेजी से फैलने वाली यह घास पहाड़ी में भूमि कटाव को रोकने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि बाराकोट के समीप संतोला में लगातार हो रही भूस्खलन को रोकने के लिए भी स्थाई उपाय किए जा रहे हैं। यहां पहाड़ी में लटके बोल्डरों को हटा लिया गया है। लोहाघाट- मरोड़खान के बीच उद्यान नर्सरी के पास सड़क में पत्थर डालकर फिलहाल यातायात योग्य बनाने का प्रयास किया गया है। इसी के साथ यहां सड़क को स्थाई रूप से चौड़ा और पक्का करने का कार्य भी किया जा रहा है। संवेदनशील स्थानों में आवश्यकता अनुसार जेसीबी रखे गए हैं, जिससे चट्टान दरकने पर सड़कों को तत्काल खोलकर उन्हें यातायात योग्य बनाया जा सके।


