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बजट 2023 : केंद्र सरकार ने जोशीमठ से भी मुंह मोड़ा: हरीश रावत

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट-2023 में उत्तराखंड को फायदा होगा या नुकसान, इसको लेकर गंभीर चर्चा हो रही है। भाजपा नेतओं ने जहां बजट को सराहा है, तो दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस, सहित कई राजनीतिक दलों ने बजट पर सवाल खड़े किए हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने केंद्रीय बजट को दिशाहीन और निराशाजनक करार दिया है। साथ ही उत्तराखंड के लिए कोई स्पष्ट घोषणा नहीं होने पर सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह बजट विकास विरोधी होने के साथ साथ मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला है। माहरा के मुताबिक वित्त मंत्री ने बजट में आंकडों की बाजीगरी भर की है, जिसमें वित्तीय प्रबंधन का नितांत अभाव है। इसी कारण बजट से मंहगाई व बेरोजगारी बढ़नी तय है। अलबत्ता इस साल कई राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए गरीब खाद्यान्न योजना में एक साल की वृद्धि की गई है। माहरा ने कहा कि आम बजट में उत्तराखंड को भी खाली हाथ छोड़ दिया गया है। जोशीमठ जैसी आपदा की स्थिति के बीच यदि सरकार सस्ती हवाई सेवा शुरू करती तो लोगों को इसका लाभ मिलता।

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पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि उत्तराखंड की जीएसटी प्रतिपूर्ति, ग्रीन बोनस का कोई उल्लेख तक बजट में नहीं हो पाया है। ना ही सरकार ने जोशीमठ के लिए आपदा मद में कोई घोषणा की है। रेल परियोजनाओं पर भी सरकार ने चुप्पी साध ली है। प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने भी आम बजट को पूरी तरह निराशाजनक करार दिया है। कांग्रेस नेता धीरेद्र प्रताप, नवीन जोशी ने भी बजट को निराशाजनक करार दिया है।

केंद्र सरकार ने जोशीमठ से भी मुंह मोड़ा: रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बजट में सरकार ने ऐसी घोषणाएं की हैं जो इस वित्तीय वर्ष में लागू ही नहीं होनी हैं। रावत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानों की आमदनी दुगनी करने की बात करने वाली सरकार अब किसानों की वास्तविक आमदनी तक नहीं बता पा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आशा लगाए बैठा था, हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस मिलेगा। लेकिन सरकार ने उल्टा जोशीमठ आपदा से भी मुंह मोड़ दिया है।

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