छात्रा से छेड़छाड़ करने के आरोपी पंतनगर कृषि विवि के डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज, सस्पेंड भी हुआ
रुद्रपुर। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की छात्रा के साथ अस्पताल में अश्लील हरकत करने वाले डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब पुलिस आरोपी डॉक्टर की धरपकड़ में जुट गई है। घटना 5 दिसंबर की है। छात्रा का आरोप है कि जब वह अपनी कुछ समस्याओं को लेकर चेक अप कराने के लिए डॉक्टर के पास गई तो डॉक्टर दुर्गेश कुमार ने उसके साथ छेड़छाड़ की। 8 दिसंबर को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने आरोपी डॉक्टर को प्रथम दृष्टया दोषी माना था। जिसके बाद कुलपति की संस्तुति पर उसे निलंबित करते हुए केवीके ज्योलीकोट में अटैच कर दिया था। विश्वविद्यालय की छात्रा द्वारा लगाए गए आरोप के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। पहलेकुलपति की संस्तुति के बाद आरोपी डॉक्टर के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई। अब पीड़िता की तहरीर पर थाना पंतनगर में आईपीसी की विभिन्न धाराओं मेंमुकदमा दर्ज कर आरोपी की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
ये है पूरा मामला
आरोपी के खिलाफ धारा 376, 376(2) ड, 376(2) च, 354, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस को सौंपी तहरीर में पीड़िता ने बताया की 5 दिसंबर को वह कैंपस के अस्पताल गई हुई थी। कई दिनों से उसका बीपी लो, थायराइड और पेट में दर्द होनेकी शिकायत बनी हुई थी। जिसके बाद आरोपी डॉक्टर ने उसे चेक अप के दौरान मुख्य कमरे के पास छोटे केबिन में चलने को कहा। आरोप है कि वहां पर उसके द्वारा छात्रा के साथ अश्लील हरकतें की गईं। जब छात्रा घबरा कर केबिन से बाहर आई, तो आरोपी डॉक्टर ने उसे धमकाते हुए घटना की शिकायत करने पर उसे बदनाम करनेकी धमकी भी दी। अब आरोपी द्वारा उस पर गर्भवती होने और उससे नींद की गोली मांगने का आरोप लगाया जा रहा है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया है कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर
मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले में अब तक क्या हुआ
पंतनगर कृषि विवि की छात्रा द्वारा डॉक्टर पर अश्लील हरकत करनेके आरोप के बाद विवि प्रशासन ने प्रारंभिक जांच कराई। जांच में आरोपी डॉक्टर को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया। इसके बाद पंतनगर कृषि विवि ने आरोपी डॉक्टर दुर्गेश कुमार को तत्काल प्रभाव सेनिलंबित कर दिया। आरोपी डॉक्टर को ज्योलीकोट अटैच कर दिया गया है। आरोपी डॉक्टर दुर्गेश कुमार को सस्पेंड करने के बाद मामले की विस्तृत जांच विवि के स्तर पर गठित यौन उत्पीड़न एवं लैंगिक न्याय समिति को सौंप दी गई। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय स्तर पर गठित यौन उत्पीड़न एवं लैंगिक न्याय समिति से पंद्रह दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।