पटक कर तोड़ डाले बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर, पूर्व विधायक रणजीत रावत पर मुकदमा दर्ज

रामनगर/नैनीताल। कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत पर मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में दर्ज किया गया है। आरोप है कि रणजीत रावत ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विरोध में मीटरों को जमीन पर पटक कर तोड़ दिया। जिससे मौके पर हंगामा हो गया। वहीं, कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बताया है।

उत्तराखंड के बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने का विरोध हो रहा है। हाल में ही किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ ने अपने क्षेत्र में स्मार्ट मीटरों का विरोध करते हुए उन्हें तोड़कर अपना विरोध दर्ज कराया था। अब रामनगर में भी इसी तरह की घटना सामने आई है। जहां पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने स्मार्ट मीटरों को सड़क पर पटक कर तोड़ डाले।
जानकारी के मुताबिक, बीती 17 अप्रैल की शाम को रामनगर के शिवलालपुर चुंगी क्षेत्र में सिंगल पेट्रोल पंप के पास स्थित दुकानों पर स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा था। इसकी भनक लगते ही कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए और मीटर लगाने का विरोध शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों और चश्मदीदों की मानें तो रणजीत सिंह रावत एवं उनके समर्थकों ने मीटर लगाने की प्रक्रिया को बाधित कर कुछ स्मार्ट मीटरों को जबरन जमीन पर पटक कर तोड़ दिया। इस दौरान कथित रूप से मौके पर हंगामा भी हुआ। साथ ही मौके पर गहमागहमी भी देखने को मिली।
पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत का आरोप है कि सरकार बिना उपभोक्ताओं की सहमति के जबरन स्मार्ट मीटर लगा रही है, जिससे लोगों को भारी बिलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से इस योजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। साथ ही संबंधित कंपनी और विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए। उधर, मामले में अवर अभियंता चंद्रलाल ने आरोप लगाया कि विधायक ने कुछ मीटरों को नुकसान पहुंचाया है। साथ ही अभ्रदता के आरोप भी लगाए हैं। जिस पर अभियंता ने पुलिस ने तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पुलिस ने पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत और उनके समर्थकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली के एसएसआई मोहम्मद यूनुस के मुताबिक विद्युत परीक्षण प्रयोगशाला रामनगर के अवर अभियंता चंद्रलाल की तहरीर के आधार पर पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत समेत उनके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने मौके पर सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए हंगामा किया। इस मामले में बारीकी से जांच की जा रही है। उधर, कांग्रेस की ओर से इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बताया जा रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि जनता की समस्याओं को उठाना किसी भी जनप्रतिनिधि का अधिकार है। इसके लिए मुकदमा दर्ज करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
