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चैतोला मेला: चमू देवता के जयकारों से गूंजा गुमदेश क्षेत्र, भव्य शोभा यात्रा निकाली गई

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चम्पावत जनपद के सीमांत गुमदेश के प्रसिद्ध चैतोला मेले में शुक्रवार को चमू देवता की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच निकली चमू देवता की शोभायात्रा के सैकड़ों लोग साक्षी बने तथा चमू देवता का आशीर्वाद लिया।

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गुरुवार की रात जमान को मड़ गांव में लाया गया जहां श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। यहां रात भर ढुस्कों का गायन किया गया। चौपता, नेवलटुकरा, सीलिंग, बसकुनी, जाख, जिंडी, सिरकोट आदि गांवों में शुक्रवार सुबह त्योहार मनाया गया जबकि पुल्ला, पोखरी, खेतकुनी, गुरेली, मड़ गांवों में गुरुवार को ही त्योहार मनाया गया। लीक ;महा प्रसाद द्ध तैयार कर सुबह सबसे पहले चमू देवता, शिलिंग के केदारज्यू, मड़ के महिषासुर मर्दनी मंदिर में चढ़ाया गया। पं. शंकर दत्त पांडेय, पं. मदन कलौनी, पं. मोहन चंद्र कलौनी ने विधिवत पूजा अर्चना कराई।

दोपहर बाद मड़ गांव से ढोल नगाड़ो के साथ चमू देवता की शोभा यात्रा निकली। दुर्गम रास्तों को पार करते हुए शोभायात्रा जमानीगढ़ में कुछ समय के लिए रुकी। इसके बाद चौपता, बसकुनी, सीलिंग, नेवलटुकरा के लोगों ने रथ में कंधा देते हुए उसे रतन खुटखुटी तक लेकर आए जहां धामी गुमदेश के राजा के आदेश का पालन करते हुए रथ से उतरे। बाद में पुल्ला, पोखरी, जाख, सिरकोट के लोग रथयात्रा में शामिल हुए। महिलाएं चमू देवता का गुणगान करते हुए चल रही थी। मेले में पुल्ला, सिरकोट, जाख, जिंडी, गुरेला, बसकुनी आदि गांवों के जत्थों ने बारी. बारी से मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद शिलिंग, चौपता, बसकुनी, न्यौलटुकरा के जत्थों ने परिक्रमा की।

मेले में बड़ी संख्या में नेपाल से भी लोग पहुंचे थे। मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस, फायर ब्रिगेड कर्मियों का बंदोबस्त किया गया था। शिक्षक हरीश चंद्र कलौनी ने संचालन करते हुए श्रद्धालुओं को मेले का इतिहास बताया। आयोजन समिति के अध्यक्ष हरक सिंह भंडारी, जोगा सिंह धौनी, नर सिंह धौनी, देव सिंह धौनी, विकास सिंह, डिकर सिंह धौनी, युगल धौनी, कैलाश सिंह, कल्याण चंद, डिकर सिंह भंडारी, विनोद सिंह धौनी, राजेंद्र पांडेय, ईश्वर सिंह धौनी, कमल चंद, प्रेम सिंह, हयात सिंह भंडारी, दरवान सिंह, हयात चंद आदि मौजूद रहे।

युवाओं ने ढोल नगाड़ों पर ठोकी ताल
गुमदेश के चैतोला मेले में ढोल नगाड़े बजाने के लिए लोगों में गजब का उत्साह देखा गया। लोग सिर पर पगड़ी, हाथों में डंडे लिए हुए युद्धक वेशभूषा में सजधज कर आए हुए थे। युवाओं में ढोल बजाने को लेकर काफी उत्साह था। हर युवा अपने अंदाज में ढोल बजाकर चमू देवता के प्रति आस्था प्रदर्शित कर रहा था। जत्थों के मेला क्षेत्र में पहुंचने के बाद पूरा प्रांगण खचाखच भर गया। पूरा वातावरण ढोल नगाड़ों की आवाज से गुंजायमान हो गया।

आज होगा व्यापारिक मेला
तीन दिनी चैतोले मेले का शनिवार को पस्यारे ;व्यापारिक मेलेद्ध के साथ समापन होगा। चैतोला मेला क्षेत्र का एकमात्र सबसे बड़ा मेला होता है, जिसमें भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय पहुंचते हैं।

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नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड