चम्पावत # कल रात भाजपा नेता रहे पुलिस प्रशासन के निशाने पर, बीडीसी सदस्य के घर पड़ा छापा, तो नगर अध्यक्ष को पुलिस ने कोतवाली में किया बंद, भाजपा नेताओं में है खासा रोष
चम्पावत। उत्तराखंड में आज नई सरकार के लिए मतदान होना है। कुछ देर बाद यानी कि आठ बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। मतदान से पूर्व की रात चम्पावत के दो भाजपा नेताओं पर खासी भारी पड़ी। पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से भाजपा नेताओं में खासा रोष है। सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा नेता पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कल शाम दियूरी के बीडीसी सदस्य व भाजपा नेता सुंदर सिंह बोहरा के जूप स्थित आवास व दुकान पर पुलिस प्रशासन की टीम ने छापा मारा। पुलिस व प्रशासन की टीम को शिकायत मिली थी कि सुंदर बोहरा के यहां वोटरों को बांटने के लिए भाजपा प्रत्याशी की शराब व पैसे हैं। प्रशासन की टीम ने दुकान व घर को पूरी तरह खंगाला, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। शिकायत झूठी पाई गई। भाजपा नेता सुंदर बोहरा ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर कड़ा रोष जताया है। उन्होंने कहा है कि उनके घर व दुकान में पुलिस प्रशासन ने बगैर वारंट के छापा मारा है। जिसके खिलाफ वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। उनके यहां प्रशासन ने झूठी सूचना पर कार्रवाई की। जिससे उनके मान सम्मान को ठेस पहुंची है। वे एक जनप्रतिनिधि हैं। उनके घर में पुलिस व प्रशासन की टीम गैरकानूनी रूप से घुसी। वे इसको लेकर न्यायालय की शरण में जाएंगे। वहीं पुलिस की टीम ने रात करीब दस बजे भाजपा नगर अध्यक्ष कैलाश अधिकारी को नकदी के साथ गिरफ्तार कर लिया। उन्हें रात करीब तीन बजे तक कोतवाली में बंद रखा गया। दोनों घटनाओं को लेकर भाजपा नेताओं में चम्पावत के पुलिस प्रशासन के प्रति खासा रोष है। कैलाश अधिकारी ने बताया कि वे चम्पावत नगर में सब्जी की दुकान चलाते हैं। उनके पास दुकान की दो दिन की बिक्री के 44,100 रुपये थे। निर्वाचन आयोग के अनुसार आचार संहिता के दौरान कोई भी व्यक्ति 50,000 रुपये तक कहीं भी ला ले जा सकता है। उनके पास तो दुकान के केवल 44,100 रुपये थे। बावजूद इसके पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन विपक्षियों के इशारों पर नाच रहा है। इस वजह उन्हें गैरकानूनी तरीके से कोतवाली में देर रात बंद रखा गया। कैलाश अधिकारी ने कहा है कि उनके खिलाफ झूठी शिकायत कर उन्हें फंसाने का प्रयास किया गया। उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे अपमान का बदला लेने के लिए न्यायालय की शरण में जाएंगे।